देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस में आजकल कुछ अच्छा नहीं चल रहा है. जहां एक ओर अभी विधानसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा तक नहीं हुई है कि उससे पहले ही पार्टी के भीतर घमासान मच गया है. कांग्रेस के कई नेता हाईकमान के नेता प्रतिपक्ष और अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले से नाराज चल रहे हैं. उधर, बड़ी खबर यह है कि अब हरीश धामी ने भी कांग्रेस का दामन छोड़ने के संकेत दे दिए हैं. सार्वजनिक मंच पर वह पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करते नजर आ रहे हैं. हरीश धामी ने दो टूक शब्दों में साफ किया है कि वह पार्टी में तो है लेकिन पार्टी के साथ बिल्कुल भी नहीं है, हरीश धामी ने प्रदेश में प्रभारी देवेंद्र यादव पर पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगाया है.
उत्तराखंड कांग्रेस में मचे घमासान से पार्टी हाईकमान की परेशानियां बढ़ गई हैं. स्थिति यह है कि अब पार्टी के कुछ विधायकों के पार्टी छोड़ने तक की चर्चाएं होने लगी हैं. इसमें सबसे ज्यादा मुखर होकर धारचूला विधायक हरीश धामी सामने आए हैं. हरीश धामी ने पार्टी हाईकमान के फैसले की खिलाफत जिस आक्रामकता के साथ शुरू की है उससे लगता है कि धामी भाजपा में शामिल होने की भूमिका बना रहे हैं. हरीश धामी ने दो टूक शब्दों में साफ किया है कि वह पार्टी में तो है लेकिन पार्टी के साथ बिल्कुल भी नहीं है, हरीश धामी ने प्रदेश में प्रभारी देवेंद्र यादव पर पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगाया है.
हरीश धामी ने कहा कि देवेंद्र यादव जो खुद चुनाव में अपनी जमानत जब्त करवा चुके हैं, वह उत्तराखंड में विधायकों के आकलन की बात कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कई बार चुनाव जीतकर विधायक बनने वाले नेताओं का देवेंद्र यादव कैसे आकलन कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कई दिग्गज नेता प्रदेश में प्रभारी की कमान संभाल चुके हैं लेकिन इस बार जो प्रभारी बनाया गया है वह बेहद कमजोर है. हरीश धामी ने कहा कि देवेंद्र यादव प्रदेश में कांग्रेस की कमान सामने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि उत्तराखंड में हार के लिए सबसे पहला इस्तीफा किसी का होना चाहिए था तो वह प्रदेश के प्रभारी देवेंद्र यादव थे लेकिन गणेश गोदियाल के खिलाफ नाइंसाफी करते हुए उनसे इस्तीफा ले लिया गया.
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