देहरादून:उत्तराखंड में तीन दिनों तक बरसी आसमानी आफत ने पूरे प्रदेश में आपदा ला दी. आपदा में राज्य को करीब 5 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. इससे न केवल वित्तीय नुकसान हुआ है बल्कि कई लोगों ने इस आपदा में अपनी जान भी गंवाई है. राज्य में अब तक इस जल प्रलय में 72 लोगों की मौत हो चुकी है. जिसे देखते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी समेत सरकारी मशीनरी स्थितियों को काबू करने का प्रयास कर रही है. वहीं, विपक्षी दल लगातार इस मसले पर राज्य सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं.
बता दें कि विपक्षी दल कांग्रेस ने भी एक कमेटी गठित कर आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में हुए नुकसान का आकलन कर रही है. जिसको लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है कि इस आपदा काल में भी नेता अवसर तलाश रहे हैं. जिसकी मुख्य वजह यह है कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेता तमाम आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जाकर सरकार की नाकामियों को भी गिना रहे हैं.
आपदा को लेकर कांग्रेस नेता कर रहे राजनीति. दरअसल, भाजपा ने भी अपने जिला स्तर के नेताओं समेत राज्य स्तर के सभी नेताओं को ग्राउंड जीरो पर जाकर आपदा बचाव के कार्य में हाथ बटाने के पहले ही निर्देश दे चुकी है. तो वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेता भी कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के निर्देश के बाद इन दिनों आपदा प्रभावित क्षेत्रों में नजर आ रहे हैं. यह नेता लगातार आम लोगों से मिलकर न सिर्फ नुकसान का आकलन कर रहे हैं बल्कि लोगों की समस्याओं को भी सुन रहे हैं.
गौर हो कि, उत्तराखंड में कई क्षेत्रों में आई आसमानी आफत में अब तक 72 से ज्यादा लोगों ने जान गंवा दी है. इस आपदा से उत्तराखंड में जन-जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है. राज्य में नुकसान का जायजा लेने के लिए अब कांग्रेस ने 5 सदस्यीय कमेटी गठित की थी. जो कमेटी आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में जाकर आपदा से हुए नुकसान का आकलन कर रही है. यही नहीं, आंकलन प्रक्रिया पूरा होने के बाद कमेटी की तरफ से तमाम क्षेत्रों में हुए नुकसान का एक लिखित खाका भी तैयार किया जाएगा. जिसे राज्य सरकार को सौंपा जाएगा.
इस कमेटी के जरिए कांग्रेस प्रदेश में आम लोगों की मदद करने की बात कह रही है. उधर, कांग्रेस की मानें तो 5 सदस्यीय कमेटी राज्य में तमाम क्षेत्रों में हुए नुकसान को पार्टी स्तर पर कैसे लोगों को राहत दी जा सकती है इसे लेकर भी विचार करेगी. 5 सदस्यीय कमेटी में प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, करण माहरा, गोविंद सिंह कुंजवाल और संजीव आर्य शामिल हैं. इसके अतिरिक्त सभी जिलों के जिलाधिकारियों से भी नुकसान के आकलन का रिपोर्ट मांगा गया है. हालांकि, अभी तक 4 जिलों से रिपोर्ट प्राप्त हो गई है बाकी जिलों से रिपोर्ट का इंतजार है.
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वहीं, आपदा की वजह से प्रदेश में हुए नुकसान के आकलन को लेकर कांग्रेस के कमेटी गठित करने के सवाल पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल ने बताया कि इस आपदा के समय में सभी को अपनी योग्यता और क्षमता के अनुसार जनता की सेवा का कार्य करनी चाहिए. अगर कोई सच्चे मन से यह कार्य कर रहा है तो उसका स्वागत है. लेकिन अगर कोई इस आपदा की घड़ी में राजनीति का अवसर तलाश रहा है. तो इससे घटिया राजनीति कुछ और नहीं हो सकती. ऐसे में अभी दलगत राजनीति से बचने की जरूरत है.