त्यूणी अग्निकांड में सिस्टम की लापरवाही से नाराज प्रीतम सिंह का धरना. विकासनगरः त्यूणी अग्निकांड में चार मासूमों की जान चली गई है. इस घटना के बाद पूरा क्षेत्र गमगीन है. साथ ही रेस्क्यू में लापरवाही पर भी आक्रोश है. स्थानीय विधायक और पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी घटनास्थल पर मौजूद हैं. इसी कड़ी में सरकारी तंत्र और तहसील स्तर पर आपदा प्रबंधन के बंद इंतजामात से नाराज प्रीतम सिंह क्षेत्र के सैकड़ों लोगों के साथ त्यूणी चकराता मार्ग पर धरने पर बैठ गए. जिन्हें प्रशासनिक अधिकारियों ने काफी समझाने के बाद धरने से उठाया.
दरअसल, बीती रोज यानी 3 अप्रैल को त्यूणी बाजार में पुल के पास स्थित एक मकान गैस सिलेंडर फटने के वजह से आग लग गई थी. इस अग्निकांड में चार लड़कियां जिंदा जल गई थी. जबकि, कुछ लोग मामूली रूप से झुलस गए थे. अग्निकांड के बाद लोगों ने फायर ब्रिगेड को इसकी सूचना दी. आरोप है कि काफी देर बाद बिना तैयारी के ही फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची, लेकिन उसमें पानी ही कम था, ऐसे में आग बुझाते-बुझाते पानी खत्म हो गया. इसके बाद उत्तरकाशी जिले के मोरी और हिमाचल के जुब्बल-रोहडू से फायर ब्रिगेड की गाड़ी मंगाई गई. जब तक ये गाड़ियां पहुंचती, तब तक चार मासूम आग की लपटों में जलकर हमेशा के लिए खामोश हो गए थे.
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उधर, त्यूणी में अग्निकांड की सूचना पर देहरादून डीएम सोनिका सिंह और एसएसपी दलीप सिंह कुंवर तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना हुए. देर रात डीएम-एसएसपी त्यूणी पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया. आज मामले में लापरवाही बरतने वाले दोषी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर स्थानीय लोग सड़कों पर उतर गए. जिसमें चकराता विधायक प्रीतम सिंह भी शामिल हुए. इतना ही नहीं प्रीतम सिंह और स्थानीय लोगों ने त्यूणी चकराता मार्ग पर स्थित तिराहे पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया.
वहीं, देहरादून डीएम सोनिका सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर भी धरना स्थल पर पहुंचे और बमुश्किल आक्रोशित लोगों को शांत कराया. इस दौरान उन्होंने उन्होंने मामले में लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया. जिससे बाद गुस्साए लोगों ने जाम खोला और त्यूणी में हालात सामान्य हुए. स्थानीय लोगों का आरोप था कि आपदा के समय में भी लापरवाही बरती गई. आज भी दूरस्थ इलाकों में आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के पर्याप्त संसाधन और कर्मचारी उपलब्ध नहीं हैं, जिसके चलते 4 मासूम बच्चियों को अपनी जान गंवानी पड़ी.
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साल 2005 में भी जली थी कई दुकानेंःगौर हो कि देहरादून जिले के त्यूणी में अग्निकांड का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी साल 2005 में भीषण अग्निकांड देखने को मिला था. उस वक्त त्यूणी में कई दुकानें जलकर खाक हो गई थी. इसके बाद यह बड़ी घटना है, जिसमें चार बच्चियों को गंवानी पड़ी. बरहाल, इस मामले में नायब तहसीलदार को सस्पेंड तो फायर ब्रिगेड के अधिकारियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है.