देहरादूनः दून मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर निधि उनियाल से दुर्व्यवहार और इस्तीफा का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है. मामले में कांग्रेस के चकराता विधायक और निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने डॉक्टार निधि उनियाल का बचाव किया है और घटना की कड़ी निंदा की है. उधर, यूकेडी के कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य सचिव पंकज कुमार पांडे का पुतला फूंककर एक हफ्ते के भीतर बर्खास्त करने की मांग की है.
गौर हो कि बीती गुरुवार यानी 31 मार्च को राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर निधि उनियाल ने स्वास्थ्य सचिव की पत्नी पर बदतमीजी का आरोप लगाए हुए इस्तीफा दे दिया था. मामले में कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह का कहना है कि पहले तो डॉक्टर को स्वास्थ्य सचिव की पत्नी की स्वास्थ्य जांच के लिए उनके घर जाने के लिए मजबूर किया जाता है. जब डॉक्टर उनके घर जाती हैं, तब स्वास्थ्य सचिव की पत्नी की ओर से डॉ निधि उनियाल के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है.
डॉक्टर निधि उनियाल का प्रीतम सिंह ने किया बचाव. सरकार उठाए कड़े कदमःउन्होंने घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह कदापि स्वीकार्य योग्य बात नहीं है. इसकी वो कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. प्रीतम सिंह का कहना है सरकार ने इस मामले में जांच भी बैठाई है. जब इस जांच के परिणाम सामने आएंगे, तब उन्हें उम्मीद है कि सरकार इस मामले में कठोर कदम उठाने का काम करेगी.
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यूकेडी ने की स्वास्थ्य सचिव को बर्खास्त करने की मांगःउत्तराखंड क्रांति दल के युवा प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य सचिव पंकज कुमार पांडे का पुतला फूंका. साथ ही स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की. यूकेडी युवा प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव की पत्नी ने जिस प्रकार से दून मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रॉफेसर डॉ निधि उनियाल के साथ अमर्यादित व्यवहार किया है, वह उनकी पहाड़ विरोधी मानसिकता को दर्शाती है. आज यह बात खुलकर सामने आई है कि प्रदेश में अफसरशाही बिल्कुल बेलगाम हो चुकी है.
राजेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव एनएच 74 घोटाले में भी संलिप्त थे. जिस पर उन्हें सस्पेंड किया गया, लेकिन फिर उन्हें स्वास्थ्य सचिव जैसा महत्वपूर्ण पद दिया गया. आज पहाड़ में प्रसूताएं इलाज न मिलने के कारण आधे रास्ते में दम तोड़ देती हैं और प्रदेश के वरिष्ठ अफसर अपनी पत्नी के इलाज के लिए घर पर डॉक्टरों को पहले बुलाते हैं और उसके बाद उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं. इसलिए प्रदेश सरकार को मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य सचिव पंकज कुमार पांडे को एक हफ्ते के भीतर बर्खास्त कर देना चाहिए. जिससे प्रदेश में एक सकारात्मक संदेश जाए.
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यह था मामला:बीती 31 मार्च कोडॉक्टर निधि उनियाल को अस्पताल में अपनी ओपीडी में मरीजों को देख रही थीं. इसी दौरान अस्पताल प्रशासन ने उन्हें स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज पांडेय की पत्नी की तबीयत जांचने उनके घर जाने के लिए कहा. मरीजों की भीड़ देखते हुए एक बार डॉ. निधि ने असमर्थता भी जताई, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने कहा कि वहां जाना जरूरी है. इस पर डॉ. निधि अपने दो मेडिकल स्टाफ के साथ उनके घर पहुंची. सचिव की पत्नी की जांच करने के बाद डॉक्टर ने जरूरी परामर्श दिया. उसके बाद डॉ. निधि ने ब्लड प्रेशर जांचने की भी बात कही. डॉ. निधि ने बताया कि बीपी इंस्ट्रूमेंट बाहर कार में छूट गया था, जिसे लेने उन्होंने स्टाफ को भेजा.
स्वास्थ्य सचिव की पत्नी पर बदतमीजी का आरोप: आरोप है कि इस पर स्वास्थ्य सचिव की पत्नी नाराज हो गईं और मोबाइल फोन पर बात करते हुए डॉक्टर के बारे में गलत शब्दों का इस्तेमाल किया. बताया जा रहा है कि इस दौरान दोनों के बीच काफी बहस हुई. डॉ. निधि उनियाल ने इस पर आपत्ति जताते हुए अपने स्टाफ के साथ अस्पताल लौट गईं. डॉ. निधि ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें सचिव की पत्नी से माफी मांगने के लिए कहा. डॉ. निधि ने कहा उनकी कोई गलती नहीं है तो वह क्यों माफी मांगें. इसके बाद डॉ. निधि मेडिकल कॉलेज में क्लास में पढ़ाने चली गईं.
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डॉ. निधि उनियाल ने माफी मांगने से किया इनकार:इस्तीफे में डॉ. निधि उनियाल ने कहा कि वह एक क्वालीफाइड डॉक्टर हैं. वे देश के कई प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में रह चुकी हैं. पहले तो सरकारी अस्पताल में मरीजों को छोड़कर किसी के घर पर जाकर देखना उनका कार्य नहीं है. इसके बावजूद वह अस्पताल प्रशासन के कहने पर सचिव की पत्नी को देखने उनके घर गईं.