देहरादूनःउत्तराखंड पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत ने जातीय जनगणना पर बयान दिया है. उनका कहना है कि आईएनडीआईए (INDIA) ने तय किया है कि सत्ता में आते ही जातीय जनगणना कराई जाएगी. उनका कहना है कि देशभर में 2021 में जनगणना हो जानी चाहिए थी, लेकिन केंद्र सरकार इसे टालती रही है. उन्होंने जाति आधारित जनगणना जल्द कराए जाने की मांग उठाई है. साथ ही कहा कि यदि इंडिया गठबंधन 2024 में आता है तो यह उनकी पहली प्राथमिकता में शामिल रहेगा.
कांग्रेस नेता हरीश रावत ने इसकी जरूरत बताते हुए कहा कि जब देश आर्थिक रूप से आगे की ओर बढ़ रहा है, तब इस बात का पता लगाना जरूरी हो जाता है कि ऐसी कौन-कौन से वर्ग हैं, जो आर्थिक रूप से पिछड़ गए हैं. इसके अलावा कितने लोग गरीबी में अपना जीवन यापन कर रहे हैं, इस बात का पता तभी चल सकता है, जब जातीय जनगणना होगी. ताकि आने वाले समय में भविष्य की नीतियों को तैयार किया जा सके.
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हरीश रावत का कहना है कि जनगणना से उत्तराखंड जैसे राज्य को काफी लाभ होगा. इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आर्थिक रूप से काफी पिछड़ा हुआ है. ऐसे में जब पिछड़े वर्गों की बात आएगी, तब उत्तराखंड को भी इसका लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र संवैधानिक आरक्षण को भी समाप्त करने का षड्यंत्र रच रही है. सरकारी पद भी नहीं भरे जा रहे हैं और चतुर्थ श्रेणी के पदों को खत्म कर दिया गया है.
कांग्रेस नेता हरीश रावत और यशपाल आर्य महिला आरक्षण पर हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा महिला और महिला नेत्रियों को राजनीति में बढ़ावा दिया है. यूएन की पहली अध्यक्ष विजय लक्ष्मी पंडित, पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार कांग्रेस से ही हुआ करती थीं. बड़ी उम्मीद थी कि साल 2014 में बीजेपी सरकार महिला आरक्षण का विधेयक लाएगी, लेकिन देर आए दुरुस्त आए. अब उम्मीद है कि सरकार संभावनाएं तलाशे कि किस तरह से महिला आरक्षण को 2024 तक क्रियान्वित किया जाए.
पूंजीपतियों के हाथ बेची जा रही जमीनः हरीश रावत ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार संवैधानिक आरक्षण को समाप्त कर रही है. महिला आरक्षण को भी लटकाने का काम किया जा रहा है. इसके अलावा उन्होंने सूर्यधार झील में भ्रष्टाचार करने का आरोप मढ़ा है. उन्होंने कहा कि यह सूर्यधार परियोजना नहीं बल्कि बंटाधार परियोजना हो गया है. रानी पोखरी में प्रस्तावित लॉ यूनिवर्सिटी को भी बीजेपी सरकार लटका रही है. हरदा ने आरोप लगाया कि एयरपोर्ट के आसपास की जमीनों को भी पूंजीपतियों के हाथों बेचने की साजिश रची जा रही है.