देहरादून: हरिद्वार में अगले साल कुंभ का आयोजन होने जा रहा है. ऐसे में सरकार भी तैयारियों में जुटी हुई है. सीएम त्रिवेंद्र रावत का कुंभ की तैयारियों को लेकर कहना है कि कुंभ मेला अपने आप में दिव्य और भव्य स्वरूप में होगा. लेकिन पूर्व सीएम हरीश रावत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कुंभ के आयोजन को लेकर गंभीर नहीं हैं. हरदा ने कहा कि सरकार सांकेतिक कुंभ से काम चला लेना चाहती है.
तैयारियों पर हरीश रावत ने उठाए सवाल
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कुंभ की तैयारियों को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि क्या त्रिवेंद्र सरकार महाकुंभ के स्नान को लेकर तैयार है ? उन्होंने कहा कि यदि सीएम त्रिवेंद्र रावत कुंभ को लेकर तैयार हैं, तो इसमें हम आपका साथ देंगे. लेकिन हरिद्वार के कुंभ से संबंधित निर्माण कार्यों की जो स्थिति है वह कुछ और ही कहानी बयां कर रही है. निर्माण कार्यों की अस्त-व्यस्तता से साफ पता चलता है कि त्रिवेंद्र सरकार कुंभ के आयोजन को लेकर गंभीर नहीं है.
पहले आओ, पहले पाओ का हो सिद्धांत- हरीश रावत
हरीश रावत ने कहा कि सरकार कभी अखाड़ा शरणम गच्छामि तो कभी कुछ और उपाय ढूंढ रही है, जो लोगों को स्वीकार्य नहीं है. पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि कुंभ में आने वाले लोगों की संख्या और समय को पूरी तरीके से रेगुलेट कर पंजीकृत व्यवस्था के तहत पहले आओ, पहले पाओ के सिद्धांत का अनुसरण करते हुए आयोजन हो सकता है. मगर अभी तक जो व्यवस्थाएं सामने आ रही हैं वो राज्य सरकार की उदासीनता की चुगली कर रही हैं.
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महाकुंभ का आयोजन सामूहिक प्रतिष्ठा
हरीश रावत ने महाकुंभ की महत्ता बताते हुए कहा कि जिस तरह से चार धाम यात्रा का आयोजन हमारी सामूहिक प्रतिष्ठा है, उसी तरह से महाकुंभ का आयोजन उत्तराखंड की सामूहिक प्रतिष्ठा है. इसलिए हम सबको अपने उत्तराखंड की प्रतिष्ठा की चिंता है.
दरअसल 2021 में होने जा रहे कुंभ के आयोजन में ज्यादा समय नहीं बचा है. तो सरकार ने इसकी तैयारियां और तेज कर दी हैं. हालांकि पूर्व सीएम हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सरकार पर कुंभ की तैयारी को लेकर निशाना साधा है.