देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. उत्तराखंड कांग्रेस में हुए बदलाव के बाद भी अंदरखाने विरोध जारी है. पुरोला से कांग्रेस विधायक राजकुमार के बीजेपी में जाने के बाद कांग्रेस हाईकमान अब पूरे मामले को खंगालने में जुट गई है.
इसी क्रम में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को दिल्ली बुलाया है. मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी इन नेताओं से मुलाकात करेंगी. तीनों नेता दिल्ली पहुंच गए हैं.
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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भले ही राजकुमार के बीजेपी में जाने के बाद पार्टी को मजबूत बताया है. लेकिन, उनके इस बयान से हाईकमान कोई इत्तेफाक नहीं रख रहा है. बीते रविवार को पुरोला से कांग्रेस विधायक राजकुमार ने बीजेपी में घर वापसी की, जिसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने इसे गंभीरता से लिया है.
कांग्रेस चुनाव से ऐन वक्त पहले तक अपने नेताओं को भाजपा में जाने से रोकने की जुगत में है. इसके अलावा टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल द्वारा 38 टिकट तय माने जाने वाले बयान के बाद भी पार्टी उनसे जवाब मांग सकती है, जिसे नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह पहले ही खारिज कर चुके हैं. कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार कांग्रेस आलाकमान से उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की 2016-17 के बागियों की वापसी को लेकर भी चर्चा हो सकती है.
पूरे मामले में कांग्रेस की सफाई. ये भी पढ़ें: MLA राजकुमार की 'घर वापसी' पर बोले गोदियाल, पार्टी हो रही मजबूत
दरअसल, बीते 9 सितंबर को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 38 टिकट तय माने जाएं. उन्होंने कहा कांग्रेस के किसी भी सीटिंग विधायक का टिकट नहीं कटेगा. इसके अलावा जिन लोगों ने विपरीत परिस्थितियों में कांग्रेस का साथ दिया है, ऐसे पूर्व विधायक भी टिकट के हकदार हैं. विपरीत परिस्थितियों में जिन कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी का साथ दिया है, उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
कांग्रेस की सफाई: पूरे मामले में कांग्रेस ने सफाई देते हुए तीनों नेताओं के एक ही दिन में दिल्ली जाने को मात्र संयोग बताया है. प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि तीनों नेताओं के दिल्ली जाने को दल-बदल से जोड़ना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि पुरोला विधायक राजकुमार बीजेपी से आए थे और वापस वहीं चले गए. कई लोग चुनावों से पहले अवसरवादी व्यवहार के चलते ऐसी छलांग मारते हैं.
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस के बड़े नेताओं का दिल्ली जाने का कारण दल-बदल नहीं बल्कि तीनों नेताओं का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था, कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि गणेश गोदियाल एक बैठक के लिए दिल्ली गए हैं. जबकि हरीश रावत पंजाब प्रभारी भी हैं, उनकी दिल्ली में संगठन महामंत्री के साथ बैठक है. ऐसे में यह हाईकमान द्वारा तीनों नेताओं को दिल्ली बुलाए जाने की अटकलें लगाना उचित नहीं है.
गरिमा दसौनी का कहना है कि 60 पार सीट जीतने का दावा करने वाली बीजेपी के पास आज 35 विधायक भी नहीं है. भाजपा 60 पार का नारा तो दे रही है. लेकिन 35 का बहुमत भी उनको आते पर नहीं दिखाई दे रहा है.