देहरादून:उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 (uttarakhand assembly election 2022) को लेकर प्रदेश की मुख्य राजनीतिक दलों समेत अन्य दल तैयारियों में जुटा हुआ है. सभी राजनीतिक दल जनता के बीच रखने के लिए नये-नये मुद्दों को लेकर आ रहे है. अभी तक यह देखने को मिला है कि राजनीतिक दल प्रदेश की मूलभूत सुविधाओं के साथ ही बेरोजगारी के मुद्दे पर मुख्य रूप से फोकस कर रही है. इसका किस राजनीतिक दल को फायदा मिलेगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
मिशन 2022 में महज कुछ ही महीनों का वक्त बचा है. ऐसे में उत्तराखंड राज्य की दो मुख्य पार्टियां भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी रणनीतियों को बनाने में जुट गई है. जहां एक और सत्ताधारी पार्टी भाजपा साल 2017 में जारी किए गए घोषणापत्र को पूरा करने की कवायद में जुटी हुई है तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल कांग्रेस भाजपा के उन वादों को उठाने की कोशिश कर रही है. जो वादे भाजपा ने साल 2017 में किए थे और उसे अभी तक पूरा नहीं कर पाए हैं. इन सबके अतिरिक्त उत्तराखंड राज्य के परिपेक्ष में मूलभूत सुविधाएं हमेशा से एक अहम मुद्दा रहा है. जिसे हर विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दल बनाने की कोशिश करते हैं.
वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने बताया कि मुख्य रूप से आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी पार्टी यानी भाजपा अपने इन 5 सालों में किए गए विकास कार्यों के साथ ही पूरे किए गए वादों को लेकर जनता के बीच जाएगी. तो वहीं विपक्षी दल को इस बात को और फायदा मिलेगा कि जो सत्ताधारी पार्टी ने वादा किया था और जिन वादों को पूरा नहीं कर पाई है. उन मुद्दों को लेकर कांग्रेस जनता के बीच जाएगी. ऐसे में विपक्षी दलों के पास 100 दिन में लोकायुक्त बनाना, भू-कानून का मुद्दा, मुफ्त बिजली, बेरोजगारी समेत जनता से जुड़े अन्य मुद्दे हावी होंगे.