देहरादून: कांग्रेस पार्टी से राहुल गांधी द्वारा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद कई नेता अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं. बीते दिनों पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं, इस मामले में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद शीर्ष पदों पर बैठे नेता अगर राहुल गांधी का अनुसरण कर इस्तीफा दे रहे हैं तो ये कोई बड़ी बात नहीं है. नई उमंग के साथ नए लोगों को आने का मौका दिया जाएगा, जिसके बाद नई जिम्मेदारियों का वितरण किया जा सके.
पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने बताया कि कांग्रेस पार्टी से राहुल गांधी ने हार की नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए इस्तीफा दे दिया है. इसी तरह अन्य नेताओं ने भी हार की नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए त्यागपत्र दिए हैं, जिसका सिलसिला अभी तक जारी है. इस कदम से संगठन की मजबूती के लिए काम होगा. साथ ही नई दिशा और नई उमंग के साथ लोग आएंगे और नई जिम्मेदारियों का वितरण होगा. राहुल गांधी को यही पीड़ा सता रही थी कि जो जिम्मेदार नेता थे. उन्होंने चुनाव में पूरी लगन के साथ काम नहीं किया.
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा बिष्ट ने बताया कि शीर्ष पदों पर बैठे नेताओं ने प्रभावी आक्रमणकारी नीति बीजेपी के खिलाफ नहीं अपनाई. मौजूदा दौर में राहुल गांधी इतनी बड़ी जिम्मेदारी संभालने की स्थिति में नहीं है. ऐसे में जरूरत है कि कांग्रेस को आत्ममंथन करना होगा और अपनी कमियों को दूर करना होगा. आपसी झगड़े, हवाई बातें करना, धरातल मे जनता की सुख सुविधाओं के लिए संघर्ष न करना जैसी प्रवृतियों को छोड़कर कांग्रेस को विपक्ष का मजबूत रोल अदा करना होगा.