देहरादून: उत्तराखंड में कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष (Uttarakhand Leader of Opposition) की कुर्सी किसे देगी, इसको लेकर पार्टी में माथापच्ची जारी है. बीते सोमवार को दिल्ली में उत्तराखंड कांग्रेस (Uttarakhand Congress) विधायक मंडल दल की बैठक भी हुई थी, लेकिन उसमें भी कोई नतीजा नहीं निकला था. आखिर में विधायक दल ने अपना फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ दिया था. इस बैठक के तीन दिन बीते जाने के बाद भी सोनिया गांधी (sonia gandhi) किसी नाम का एलान नहीं कर पाई है. इससे साफ पता चलता है कि पार्टी के लिए नेता प्रतिपक्ष का चुनाव करना कितना मुश्किल है.
वहीं सुनने में ये भी आ रहा है कि नेता प्रतिपक्ष के लिए हाई कमान वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह (Pritam Singh) को लेकर राजी है, लेकिन यहां समस्या ये आ रही है कि प्रीतम सिंह चाहते हैं कि उनके नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद प्रदेश अध्यक्ष उनकी पसंद का बने. वहीं पार्टी सूत्रों की माने तो हरीश रावत (Harish Rawat) इसके लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं.
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पार्टी सूत्रों की माने तो नेता प्रतिपक्ष को लेकर कांग्रेस एक बार फिर दो खेमों में बंटी हुई नजर आ रही है. हरीश रावत और प्रीतम सिंह गुट के बीच खींचतान जारी है. चुनाव से पहले कांग्रेस हाई कमान गुटबाजी से बचना चहा रहा है. क्योंकि चुनाव से ठीक पहले यदि कोई गुट नाराज होता है तो उसका खामियाजा पार्टी को 2022 के विधानसभा चुनाव में उठाना पड़ सकता है. यहीं कारण है कि हाई कामन इस पर अभीतक कोई फैसला नहीं ले पाया है.
जातिय और क्षेत्रिय संतुलन बैठना जरूरी