देहरादूनःकांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड से जुड़ा मनी लांड्रिंग केस में आज दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश हुए हैं. ईडी की राहुल गांधी से पूछताछ का देशभर में कांग्रेस नेता विरोध कर रहे हैं. देहरादून में भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के साथ सैकड़ों कांग्रेसियों ने विरोध-प्रदर्शन किया और क्रॉस रोड स्थित प्रवर्तन निदेशालय का घेराव किया.
इससे पहले कांग्रेसियों ने बुद्धा चौक से क्रॉस रोड तक पैदल मार्च निकाला और ईडी कार्यालय पहुंचकर धरना देते हुए जोरदार नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया. कांग्रेसियों का कहना है कि केंद्र सरकार राजनीतिक विद्वेष की भावना से जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है. करण माहरा के नेतृत्व में ईडी कार्यालय के बाहर किए जा रहे प्रदर्शन में कांग्रेस पार्टी के तमाम नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे.
राहुल गांधी की दिल्ली में ईडी की पूछताछ के विरोध में देहरादून में कांग्रेसियों का प्रदर्शन करण माहरा ने कहा कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल कर विपक्ष के नेताओं की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हमारे नेता राहुल गांधी अकेले एक ऐसे नेता हैं, जो खुलकर भाजपा और आरएसएस के खिलाफ आवाज उठाते हैं. राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के गलत फैसलों का हमेशा विरोध किया है.
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क्या है नेशनल हेराल्ड केस?नेशनल हेराल्ड का मामला (National Herald case) 2012 में चर्चा में आया था. तब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड (वाईआईएल) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया है. स्वामी ने आरोप लगाया था कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया. साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को टीजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है.
जमानत पर हैं राहुल और सोनिया गांधी:2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जल्द सुनवाई के लिए बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए कहा था. 19 दिसंबर 2015 को सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ट्रायल कोर्ट ने जमानत दे दी थी. 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले को रद्द करने से इनकार करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिवंगत मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस और सुमन दुबे को कोर्ट में पेश होने से छूट दे दी थी.