देहरादून: आगामी 21 दिसंबर से उत्तराखंड विधानसभा की तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र आयोजित होने जा रहा है. लेकिन कांग्रेस ने शीतकालीन सत्र अवधि बढ़ाए जाने की मांग की है. इसी को लेकर कांग्रेसियों ने शनिवार को गांधी पार्क के सामने सरकार की चेतना जगाने के लिए एक रचनात्मक कार्यक्रम आयोजित किया.
इस दौरान कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सांकेतिक रूप से शैडो विधानसभा के तहत सत्ता पक्ष और विपक्ष की भूमिका में उतरकर भाजपा सरकार पर कई विषयों को लेकर प्रहार किए. कांग्रेस के नेताओं ने कटाक्ष किया कि जब सरकार विधानसभा भवन में पर्याप्त सत्र चलाने को गंभीर नहीं है, और जब माननीय विधायक विधानसभा में बैठकर अपने क्षेत्रों की बात नहीं करना चाहते हैं तो इससे बेहतर है कि करोड़ों रुपए खर्च कर बनाए गए विधान भवन को शादी विवाह या अन्य समारोह के लिए किराए पर दे देना चाहिए.
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पूर्व मंत्री गणेश गोदियाल का कहना है कि विधानसभा की नियमावली के अनुसार किसी भी राज्य में साल भर में विधानसभा सत्र 60 दिनों के लिए आयोजित होने चाहिए. सामान्यत कुल 3 विधानसभा सत्र आयोजित होते हैं. एक सत्र साधारण 15 से 20 दिनों का होता है, जो कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास की नीतियों और विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों की समस्याओं व जनहित के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए जरूरी हैं, लेकिन उत्तराखंड में ऐसा नहीं हो रहा है. अगर पिछले कुछ सालों के रिकॉर्ड को देखा जाए तो उत्तराखंड विधानसभा में सालभर के सभी सत्र मिलाकर कुल 15 से 20 दिन ही सदन की कार्रवाई हुई. विपक्ष कोरोना और बेरोजगारी जैसे कई मुद्दों पर सदन में चर्चा करना चाहती है, जबकि बीजेपी सरकार विधानसभा सत्र से बचना चाहती है.