देहरादून: पुरोला में 15 जून को हिंदू संगठनों की प्रस्तावित महापंचायत ने पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ खींच रखा है. पुरोला में हिंदू संगठनों की प्रस्तावित महापंचायत को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक में याचिका दायर की गई थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट जाने के लिए कहा. कई मुस्लिम संगठन भी केंद्रीय मंत्री गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिख चुके है. वहीं, उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल आज डीजीपी अशोक कुमार से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने किसी भी तरह की महापंचायत पर रोक लगाये जाने की मांग को लेकर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा.
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में विधायक ममता राकेश, विधायक फुरकान अहमद, विधायक वीरेंद्र जाती और पूर्व विधायक काजी निजामुद्दीन आदि नेता मौजूद रहे. डीजीपी से मुलाकात के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस महानिदेशक से वार्ता हुई है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पुरोला में घटना घटी है, यह शासन और प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि हर नागरिक अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सके.
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उन्होंने कहा कि हालात यह हो गए हैं कि सरकार से संबंध रखने वाले कुछ संगठन अल्पसंख्यकों को डराने और धमकाने की कोशिश कर रहे हैं. भय के कारण पुरोला से कई लोगों ने अपना व्यापार बंद कर दिया है और वहां से चले गए हैं, जो सबके लिए चिंता का विषय है.