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आयुर्वेदिक छात्रों के आंदोलन के समर्थन में आई कांग्रेस, फीस वृद्धि का कर रहे हैं विरोध

निजी आयुष कॉलेजों की कथित मनमानी के खिलाफ पिछले 9 दिनों से परेड ग्राउंड में आयुर्वेदिक छात्र धरना दे रहे हैं. छात्रों के आंदोलन को कांग्रेस ने समर्थन देते हुए कहा कि छात्रों की मांगें जायज हैं.

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Published : Oct 18, 2019, 3:27 PM IST

आंदोलन

देहरादून:आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय से संबद्ध निजी आयुष कॉलेजों की मनमानी से छात्रों में भारी आक्रोश है. छात्र बीते 9 दिनों से इसके खिलाफ परेड ग्राउंड में धरना दे रहे हैं. अब छात्रों के समर्थन में कांग्रेस पार्टी भी उतर आई है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने उनकी मांगों को जायज ठहराया है.
प्रीतम सिंह ने कहा कि आंदोलनरत आयुर्वेदिक छात्र-छात्राओं की मांगें जायज हैं.

आयुर्वेदिक छात्रों का आंदोलन जारी.

उन्होंने कहा कि निजी मेडिकल कॉलेज लगातार फीस वृद्धि कर रहे हैं जबकि फीस वृद्धि के परिपेक्ष में न्यायालय द्वारा आदेश पारित किए जा चुके हैं. उसके बावजूद संस्थान आयुर्वेदिक कॉलेज छात्र छात्राओं से अधिक फीस वसूल कर रहे हैं. इससे प्रतीत होता है कि संस्थान अपनी हठधर्मिता पर उतारू हैं और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

सरकार को इसका अभिलंब संज्ञान लेकर जो वास्तविकता है उसके अनुसार न्यायालय के आदेशों को इंप्लीमेंट करवाना चाहिए था, लेकिन सरकार और आयुर्वेदिक कॉलेजों के बीच सांठगांठ है. इसलिए सरकार संस्थानों के खिलाफ कदम उठाने से पीछे हट रही है.

आंदोलनरत छात्र-छात्राओं ने राज्यपाल से भी मुलाकात की लेकिन उन्होंने भी बीच का रास्ता निकालने का सुझाव दिया है. उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सबका साथ, सबका विकास का नारा देने वाली भाजपा सरकार आज खुद कटघरे में खड़ी दिखाई दे रही है.

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प्रदेश के सीएम जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, लेकिन जीरो टॉलरेंस कहीं नहीं दिखाई दे रहा है. इस मसले पर कांग्रेस पार्टी आयुष छात्र-छात्राओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. वे इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारी के साथ वार्ता करके इसका समाधान निकालने को कहेंगे. यदि सरकार तब भी नहीं जागी तो कांग्रेस पार्टी प्रदेश भर में छात्र-छात्राओं के समर्थन में एक बड़ा आंदोलन करेगी.

गौरतलब है कि आंदोलनरत छात्र-छात्राएं बीते 9 दिनों से परेड ग्राउंड में अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. छात्रों का आरोप है कि सरकार और विश्वविद्यालय निजी कॉलेजों को संरक्षण देकर आयुष कॉलेजों में छात्र छात्राओं से 80 हजार रुपये की बजाय दो से ढाई ढाई लाख रुपये फीस वसूल रहे हैं. बढ़ाई गई फीस न देने की परिस्थिति में उन्हें कक्षाओं में आने से रोका जा रहा है.

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