देहरादून: उत्तराखंड में पेपर लीक मामला (paper leak case in uttarakhand) सामने आने के बाद अब राज्य सरकार ने नकल रोकने के लिए कानून बनाने का फैसला किया है. जिसके लिए ड्राफ्ट भी तैयार हो चुका है, खास बात यह है कि नकल रोकने के लिए तैयार होने वाले इस कानून को लेकर राज्य में राजनीति (Politics over anti copying law in Uttarakhand) भी तेज हो गई है. कांग्रेस ने सरकार के नकल विरोधी कानून को राजस्थान की नकल बताया है.
धामी सरकार प्रदेश में कठोर नकल विरोधी कानून लाने की तैयारी कर चुकी है. माना जा रहा है कि जल्द ही कैबिनेट में भी नकल विरोधी कानून से जुड़े ड्राफ्ट को लाया जाएगा. जिसके बाद आगामी विधानसभा सत्र में इससे जुड़े विधेयक को पेश किया जा सकता है. इससे पहले ही राज्य में इस कानून को लेकर खुद की पीठ थपथपाने वाली भाजपा को कांग्रेस ने घेरना शुरू कर दिया है.
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कांग्रेस का कहना है कि उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी सरकार नकल विरोधी कानून (pushkar singh dhami government anti copying law) की भी नकल कर रही है. अभी सरकार ने राजस्थान सरकार की नकल करते हुए इस कानून को लाने का काम किया है. इस मामले पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी (Congress State Spokesperson Garima Dasoni) ने भाजपा सरकार के कांग्रेसी राज्यों में हुए कामों की नकल करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा यूं तो भाजपा हमेशा कांग्रेस पर नकल करने का आरोप लगाती है लेकिन बड़ी और महत्वपूर्ण योजनाओं और कानूनों को लाने के लिए कांग्रेसी सरकारों की नकल करती है.
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नकल विरोधी कानून को लेकर प्रदेश में शुरू हुई यह राजनीति इस कानून के फायदों को आगे लाने के बजाए खुद की उपलब्धियों और विरोधियों को नीचा दिखाने तक ही सीमित दिखाई दे रही है. इस मामले में भाजपा इस कानून को नकल के विरोध में अमूल चूक परिवर्तन बता कर खुद की सरकार की पीठ थपथपा रही है तो भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के उन आरोपों का भी जवाब दे रही है जो इस कानून को कांग्रेस सरकारों की नकल बता रहे हैं.
राज्य में नकल विरोधी कानून की बेहद ज्यादा जरूरत महसूस की जा रही थी, धामी सरकार ने यह कानून लाकर नकल करने वाले लोगों के इरादों को कमजोर भी किया है. यह कानून इसी साल राजस्थान विधानसभा में पारित हो चुका है.