देहरादून: उत्तराखंड बजट सत्र के सातवें दिन विपक्ष ने स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार की घेराबंदी की. इस दौरान कांग्रेस के विधायकों ने क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के साथ-साथ प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर 310 के तहत चर्चा करने की मांग भी सदन में की गई.
सदन के आज के कार्यवाही स्थगित होने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट को लेकर सरकार से सवाल किये गए थे. लेकिन सरकार ने न तो इस पर चर्चा की और न ही सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कहा कि सरकार न तो एक्ट पर बात करने को तैयार है और न इस में छूट देने के लिए.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह प्रीतम सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य की लचर व्यवस्था का सवाल संसदीय कार्य मंत्री के सामने उठाया गया तो उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हैं. उन्होंने कहा कि विधायकों के सामने तो सरकार स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चाक-चौबंद बता रही है. लेकिन सूबे की आम जनता जिसे रोज स्वास्थ्य असुविधाओं से दो चार होना पड़ता है उसे सरकार क्या जवाब देगी.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार आयुष्मान भारत योजना के नाम पर अपनी पीठ खुद थपथपा रही है. लेकिन इस योजना के अंतर्गत बनाए जाने वाले गोल्डन कार्ड ऐसे अस्पतालों से एफिलिएटेड है जो अस्पताल पहले से ही गर्त में हैं. ऐसे अस्पतालों से गोल्डन कार्ड को मान्य कराने से मरीजों को उसका फायदा मिलने की जगह परेशानी ही होगी.