मसूरी: शहर कांग्रेस कमेटी मसूरी ने शिफन कोर्ट में सरकारी जमीन पर रह रहे 84 परिवारों को बलपूर्वक हटाए जाने का कड़ा विरोध किया है. मसूरी शहर कांग्रेस अध्यक्ष गौरव अग्रवाल ने सभी 84 परिवारों को अस्थाई तौर पर मसूरी के हाथी पांव में पर्यटन विभाग की यूपीएसएमडीसी की खाली जमीन पर विस्थापित किए जाने की मांग की है.
गौरव अग्रवाल का कहना है कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने मसूरी शिफन कोर्ट में निवास कर रहे 84 परिवारों को बेघर करने के लिए पूरे पुलिस अमले और प्रशासन को मसूरी में तैनात कर दिया था. साथ ही मसूरी के गांधी चौक से लेकर पेट्रोल पंप तक के 2 किलोमीटर के क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया. इस दौरान कोविड-19 के नियमों का जमकर उल्लंघन किया गया.
उन्होंने कहा कि सरकार को शिफन कोर्ट से गरीबों को हटाने से पहले उनको विस्थापित करने की योजना बनानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. सरकार ने गरीबों को बेघर कर दिया है. इसलिए कांग्रेस सरकार से मांग करती है कि शिफन कोर्ट के 84 परिवारों को अस्थाई व्यवस्था करते हुए मसूरी के हाथी पांव में पर्यटन विभाग की यूपीएसएमडीसी की खाली भूमि पर विस्थापित किया जाए.