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पड़ताल: क्या केदारधाम में बनने वाले ओपन म्यूजियम से आस्था को पहुंचेगी ठेस? - कांग्रेस न्यूज

केदारधाम में ओपन म्यूजियम का डिजाइन संस्कृति एवं संग्रहालय विभाग की सहायता से तैयार किया जाएगा. पर्यटन विभाग इसके लिए कुछ दिनों के भीतर सौ करोड़ के (मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग) समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करेगा.

open museum in kedarnath

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Published : Nov 21, 2019, 11:10 PM IST

देहरादून:केदारघाटी में पुनर्निर्माण कार्य जोरशोर से चल रहा है. इसके साथ उत्तराखंड सरकार केदारनाथ में प्राचीन मूर्तियों के लिए एक ओपन म्यूजियम भी बनाने जा रही है. इस पर औपचारिक सहमति बन चुकी है, लेकिन राज्य सरकार के इस फैसले पर धर्माचार्यों ने आपत्ति जताई है. वहीं, विपक्ष ने भी इस मुद्दे सरकार को सलाह दी है.

केदारनाथ में देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए राज्य सरकार ने धाम में प्राचीन मूर्तियों के लिए ओपन म्यूजियम बनाने के फैसला लिया है. इस म्यूजियम में भगवान शिव की प्राचीन मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा. इसके प्रोजेक्ट के लिए धाम में जमीन की तलाश भी कर ली गई है. ताकि भविष्य में इन स्थानों पर अन्य कोई बिल्डिंग न बन सके. इसको लेकर केंद्रीय संस्कृति एवं संग्रहालय, भारत सरकार और राज्य पर्यटन विभाग के बीच एमओयू भी साइन हो चुका है.

केदारनाथ में बनेगा ओपन म्यूजियम.

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धर्माचार्यों की क्या है राय
केदारनाथ में ओपन म्यूजियम की जहां एक तरफ धर्माचार्य सुभाष जोशी ने तारीफ की है, तो वहीं उन्होंने कहा है कि इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि ये म्यूजियम कहीं केदारनाथ की प्राचीनता पर कुठाराघात तो नहीं है. इसको भी देखना होगा. क्योंकि अन्य राज्यों में भी म्यूजियम है लेकिन वे देवी-देवताओं के नहीं है. ऐसे में अगर केदारनाथ में म्यूजियम बनाते है तो इसका ध्यान रखना होगा कि किसी की आस्था, विश्वास और श्रद्धा को ठेस न पहुंचे.

विपक्ष का सलाह
कांग्रेस नेता और बदरी-केदार मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी सरकार को सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि जब भी किसी नए विचार के अनुरूप कोई कार्य किया जाता है तो उसके अच्छे और बुरे दोनों पक्ष होते है. अगर केदारनाथ में प्राचीन मूर्तियों का कोई म्यूजियम बन रहा है तो उसे सकारात्मक रूप में भी लेना चाहिए. लेकिन इससे पहले धर्माचार्यों की भी राय भी ले लेनी चाहिए, धार्मिक मान्यताओं को ठेस न पहुंचे. ऐसे में इसका गहन अध्ययन करने के बाद सरकार को कोई निर्णय लेना चाहिए.

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सरकार का मत
इस मामले में बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता सतेंद्र बर्तवाल ने कहा कि केदारपुरी आध्यात्मिक नगरी है और बाबा केदार का धाम है. जिस संवारने के लिए केंद्र और राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसी दिशा में सरकार ने केदारनाथ में ओपन म्यूजियम प्रस्ताव रखा है. इस म्यूजियम में देशभर से लाई गई भगवान की प्राचीन मूर्तियां स्थापित की जाएगी. जो केदारपुरी के आध्यत्मिक महत्व को और भी रोचक बनाएगी.

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