देहरादून: उत्तराखंड में पूर्व विधायकों के संगठन के रूप में एकत्रित होने से राजनीतिक हलचल तेज है, खास बात यह है कि प्रदेश में पहला सम्मेलन भी पूर्व विधायकों की तरफ से किया गया है. उधर पूर्व विधायकों का इस तरह एकत्रित होना राजनीतिक रूप से कई संदेश और कयासबाजी को जन्म दे रहा है. इससे इतर पूर्व विधायकों ने 21 जनवरी को विधानसभा में सम्मेलन के दौरान शिरकत करते हुए विभिन्न सुझाव भी दिए हैं.
पिछले दिनों पूर्व विधायकों के एक मंच पर आने से राजनीतिक हलचल तेज हो गई थी, इसमें न केवल कांग्रेस बल्कि भाजपा के पूर्व विधायक भी शामिल हुए. माना गया कि अपनी पार्टी और सरकार से नजरअंदाज किए जा रहे पूर्व विधायकों ने अपने एक अलग मंच को स्थापित करने की कोशिश के साथ पार्टी और सरकार से तवज्जो मिलने को लेकर इस तरह के एक संगठन को तैयार किया है.
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