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लोकसभा चुनाव के सियासी रंग, कहीं हुए भावुक तो कहीं थिरकते दिखे प्रत्याशी

प्रदेश में  लोकसभा चुनाव के लिए पार्टियों का प्रचार-प्रसार चरम पर है. वहीं प्रत्याशी वोटरों को रिझाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे.  वहीं हरिद्वार से कांग्रेस प्रत्याशी अमरीश कुमार जनसभा को संबोधित करते हुए अचानक भावुक हो उठे और रोने लगे. तो वहीं  पौड़ी सीट से बीजेपी प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत ढोल नगाड़ों की थाप पर थिरकते दिखाई दिए.  उत्तराखंड में 5 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने अपने दिग्गज नेताओं को उतारा है.

लोकसभा चुनाव के सियासी रंग.

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Published : Mar 31, 2019, 6:02 PM IST

Updated : Apr 1, 2019, 12:21 PM IST

देहरादून: सियासत के मैदान में हर कोई कुर्सी पर काबिज होना चाहता है. लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए राजनेताओं को कई जतन करने पड़ते हैं. वहीं पूरे प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टियों का प्रचार-प्रसार चरम पर है. वहीं प्रत्याशी वोटरों को रिझाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे. वहीं हरिद्वार से कांग्रेस प्रत्याशी अमरीश कुमार जनसभा को संबोधित करते हुए अचानक भावुक हो उठे और रोने लगे. तो वहीं पौड़ी सीट से बीजेपी प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत ढोल नगाड़ों की थाप पर थिरकते दिखाई दिए.

लोकसभा चुनाव के सियासी रंग.


उत्तराखंड में 5 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने अपने दिग्गज नेताओं को उतारा है. साथ ही मौजूदा चुनाव प्रचार और नेताओं के हालातों को देखकर यह लग रहा है कि पांचों ही सीटों पर मुकाबला टक्कर का होने वाला है. पौड़ी सीट से बीजेपी प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत, पौड़ी लोकसभा सीट के हर गांव शहर में जा रहे हैं. ऐसा ही एक नजारा तब देखने के लिए मिला था, जब वह देवप्रयाग विधानसभा के एक गांव में पहुंचे जहां पर उनका स्वागत ढोल नगाड़ों से किया गया. नेताजी को देखकर भीड़ इतनी उत्साहित हो गई कि नाचने-गाने लगे थे.

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इसके साथ ही एक ओर जहां खुशी का माहौल बना हुआ है. वहीं दूसरी ओर हरिद्वार से कांग्रेस प्रत्याशी अमरीश कुमार अचानक रो पड़े. उनके आंसू तब निकले जब वह हरिद्वार के कनखल स्थित रामलीला मैदान में अपने कार्यालय का उद्घाटन कर रहे थे. अमरीश कुमार अपने संबोधन को आगे बढ़ा रहे थे कि अचानक उन्होंने पिछली हार का जिक्र शुरू कर दिया.


बता दें कि अमरीश कुमार लगभग तीन बार से ज्यादा चुनाव हार चुके हैं. लिहाजा उन्होंने जनता से कहा कि कई लोग कहते हैं कि पता नहीं अमरीश कुमार कब जीतेगा, भगवान का नाम लेते हुए अमरीश कुमार इतने इमोशनल हो गए कि अपने संबोधन के दौरान फफक-फफक कर रोने लगे. यह नजारा देख मंच पर बैठे मंगलौर से विधायक काजी निजामुद्दीन ने आकर उन्हें संभाला.

Last Updated : Apr 1, 2019, 12:21 PM IST

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