देहरादून:उत्तराखंड में आई आपदा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. हवाई सर्वेक्षण के बाद शाह ने अबतक किए गए राहत और बचाव कार्य के लिए सीएम धामी की पीठ थपथपाई और केंद्र से हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया. वहीं, लेकिन विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने शाह के दौरे पर सवाल उठाते हुए इसे चुनावी मौसम का दौरा करार दिया. वहीं आम आदमी पार्टी ने भी शाह के दौर पर निशाना साधा है.
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा अब चुनावी मौसम है तो केंद्रीय मंत्री उत्तराखंड का दौरा करेंगे ही. दौरा करने की जगह उत्तराखंड को 10 हजार करोड़ रुपए का पैकेज दिया जाना चाहिए. भाजपा ने 2014 के बाद उत्तराखंड के साथ जिस प्रकार का व्यवहार किया यह सबको पता है. जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री और पीएम इन वेटिंग थे, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने उत्तराखंड में आई आपदा को देखते हुए साढ़े सात हजार करोड़ रुपए का पैकेज दिया था.
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उस दौरान गुजरात नरेंद्र मोदी ने इस पैकेज को ऊंट के मुंह में जीरा बताया था, लेकिन आज उन्हें प्रधानमंत्री बने हुए 7 वर्ष हो चुके हैं. फिर भी अभी तक वो साढ़े सात हजार करोड़ रुपए पूरे अवमुक्त नहीं हुए हैं. केदार पूरी और चारों धामों को सीएसआर के भरोसे छोड़ दिया गया. सूर्यकांत धस्माना ने आपदा में मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये दिए जाने को नाकाफी बताया. उन्होंने कहा कि जिनके इस आपदा में घर तबाह हो गए हैं और जिनकी मौतें हो गई है, सरकार ने उनकी कीमत 4 लाख रुपया तय की है. ऐसे में सरकार को अविलंब 10 हजार करोड़ रुपए का पैकेज देना चाहिए.
वहीं, आम आदमी पार्टी ने भी आपदा पीड़ित किसानों को 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा देने की मांग उठाई. आप ने भी केंद्र सरकार से आपदा को देखते हुए प्रदेश को 10 हजार करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता देने की मांग की. आप प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने कहा दुख की इस घड़ी में आप आपदा पीड़ितों के साथ खड़ी है. प्रभावितों की हर संभव मदद की जाएगी. गृह मंत्री उत्तराखंड के दौरे पर आए हैं, लेकिन जब समय था, तब राज्य सरकार बचाव कार्य में पूरी तरह से फेल साबित हुई. उन्होंने कहा अब अमित शाह राहत देने के लिए आए हैं तो कम से कम आपदा में प्रदेश को हुए करोड़ों के नुकसान पर केंद्र को तत्काल 10 हजार करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज जारी करना चाहिए.