देहरादून: एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति पर सवालों की बौछार करने वाले बाबा रामदेव जहां कांग्रेस ने निशाना साधना शुरू कर दिया है तो वहीं बीजेपी ने इस मामले पर चुप्पी साध ली है. बीजेपी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही है और कांग्रेस किसी भी कीमत पर इस मामले को छोड़ने को तैयार नहीं है.
बाबा रामदेव पर कांग्रेस आक्रामक
उत्तराखंड में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस बाबा रामदेव को लेकर पर आक्रमक हो गई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने राज्य सरकार से रामदेव के बयानों का संज्ञान लेने को कहा है. उन्होंने बाबा रामदेव समेत आचार्य बालकृष्ण के बयानों की घोर निंदा की है. उन्होंने सरकार से बालकृष्ण पर महामारी एक्ट के तहत भड़काऊ बयान देने पर कार्रवाई की मांग की है.
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प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने रामदेव के बयानों को देश के उन तमाम चिकित्सकों का अपमान बताया है, जो दिन रात कोरोना मरीजों के इलाज में जुटे हुए है. उन्होंने इस डॉक्टरों का मनोबल गिराने वाला बयान बताया है. प्रीतम सिंह ने कहा कि रामदेव ने एलोपैथिक पद्धति का उपहास उड़ाया है. कोरोना संक्रमण काल में जिन डॉक्टरों ने अपनी जान गंवाई है, रामदेव का बयान उन पर कटाक्ष है.
इसके साथ ही उन्होंने बालकृष्ण के उस ट्वीट की भी निंदा की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पूरे देश को क्रिश्चियनिटी में कन्वर्ट करने के षड्यंत्र के तहत रामदेव को बदनाम किया जा रहा है. बालकृष्ण पर महामारी एक्ट के तहत भड़काऊ बयान देने पर कार्रवाई की जानी चाहिए. क्योंकि बालकृष्ण ने पूरे प्रकरण को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की. उन्होंने समाज के बांटने का काम किया है.
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बीजेपी में साधी चुप्पी
एक तरफ जहां बाबा रामदेव और आर्चाय बालकृष्ण को लेकर कांग्रेस आक्रामक हो रही है. वहीं सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने इस मसले पर चुप्पी साध ली है. डॉक्टर लगातार बाबा रामदेव पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर जब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से सवाल किया गया तो वे कुछ भी कहने से बचते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि ये सवाल सरकार के पूछा जाना चाहिए संगठन से नहीं. संगठन उत्तराखंड में किस तरह के काम कर रहा है, वे इस जबाव दे सकते है. अन्य विषयों पर नहीं.