देहरादून: कांग्रेस ने पंचायत राज कानून में किए गए संशोधन को अव्यावहारिक करार दिया है. मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का कहना है कि बेहतर होता कि सरकार पंचायत चुनाव लड़ने वाले इच्छुक लोगों को 2 साल का ग्रेस पीरियड देती, जिससे जो लोग पंचायत चुनाव लड़ने के इच्छुक होते उन्हें 8वीं और 10वीं की शैक्षिक योग्यता हासिल करने का अवसर मिल जाता.
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट का कहना है कि वर्तमान कानून में जिन व्यक्तियों की तीन संताने हैं, वो पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकता. ऐसे में इसके दुष्परिणाम सामने आएंगे. कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने यह फैसला सदन में बिना बहस के पारित कर दिया, जिसका कांग्रेस पार्टी विरोध करती है. साथ ही चेतावनी दी है कि अगर जरूरत पड़ी तो कांग्रेस कोर्ट दरवाजा खटखटाएगी.
बिष्ट का कहना है कि जब अनुभवी व्यक्ति इस बाध्यता के चलते पंचायतों में नहीं आएंगे तो नए लोगों को पुराने अनुभव बांटने का काम कौन करेगा? क्या राज्य सरकार ने ये इंश्योर कर लिया है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामान्य वर्ग के 10 से अधिक व्यक्ति और रिजर्व कैटेगरी के करीब 30 से 40 व्यक्ति ऐसे हैं, जो पंचायत चुनाव लड़ने में 8 से 10 पास की शैक्षिक योग्यता रखते हैं.