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CM पुष्कर सिंह धामी ने दिए पार्टी कार्यकर्ताओं को दायित्व बांटने के संकेत, कांग्रेस ने दी नसीहत

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Published : Jun 10, 2022, 8:09 PM IST

उत्तराखंड की प्रचंड बहुमत की धामी सरकार जल्द ही अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को बड़ी सौगात दे सकती है क्योंकि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यह संकेत देते हुए कहा कि किसी को सिफारिश की जरूरत नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं का काम स्वयं बोलता है. तो वहीं, कांग्रेस ने राज्य सरकार को नसीहत भी दी है.

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सीएम पुष्कर सिंह धामी

देहरादून:प्रदेश सरकार जल्द ही अपने पार्टी कार्यकर्ताओं और विधायकों को दायित्वों से नवाज सकती है. मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने इस बात के संकेत दिए हैं. हल्द्वानी में हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिदायत देते हुए कहा कि किसी को कहने की जरूरत नहीं है बल्कि किए गए काम अपने आप सब कुछ बोल देते हैं.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि बहते पानी को अपने जीवन का प्रेरणा स्रोत मान लीजिए और चलते रहिए. आगे चलने से मान भी मिलेगा और सम्मान नहीं मिलेगा. इसके साथ ही पद और प्रतिष्ठा भी मिलेगी. हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश सरकार को सलाह देते हुए कहा कि प्रदेश में पहले से ही काफी ज्यादा आर्थिक बोझ है. ऐसे में मुखिया अगर अपनी फौज बनाना चाहते हैं. सीएम धामी को पहले अपना खजाना देख लेना चाहिए और फिर उसी के हिसाब से दायित्व बांटने चाहिए.

उत्तराखंड सरकार को कांग्रेस की नसीहत

कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा (Congress spokesperson Garima Dasauni) का कहना है कि इससे पहले भी भाजपा के मुख्यमंत्रियों ने दायित्व बांटे थे लेकिन भाजपा के मुख्यमंत्री कितने दिन अपने पद पर काबिज रहेंगे इस बात की गारंटी भी नहीं है. पिछले 2017 के चुनाव में भाजपा को इससे भी ज्यादा प्रचंड बहुमत मिला था, उसके बाद भाजपा ने 3 मुख्यमंत्री बदल डाले और तीनों ही मुख्यमंत्रियों ने आपस में ही एक दूसरे के फैसलों को पलट दिया.
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गरिमा दसौनी ने कहा कि दायित्व धारी त्रिवेंद्र रावत ने बनाए थे, वह दायित्व तीरथ रावत ने ठंडे बस्ते में डाल दिए. गरिमा का कहना है कि यह प्रदेश कर्ज में डूबा हुआ प्रदेश है, ऐसे में क्या दायित्व धारियों का खर्चा यह राज्य वहन कर सकता है. ऐसे में यदि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को कार्यकर्ताओं को सेटल करना है तो पहले अपनी टीम को छोटा रखें क्योंकि प्रदेश में कर्ज के बोझ तले लगातार दबता जा रहा है.

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