देहरादून: उत्तराखंड में कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है. कांग्रेस का आरोप है कि प्रदेश में विभिन्न सरकारी विभागों में मनमाने ढंग से भर्तियां कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. ऐसे में सरकारी विभागों में सभी प्रकार के भर्तियों की जांच की जाए. सरकार को नींद से जागने के लिए कांग्रेस 19 तारीख को बेरोजगार संगठनों के साथ मिलकर सचिवालय का घेराव करेंगी.
खटीमा से कांग्रेस विधायक और उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने आरोप लगाया कि राज्य के सभी विभागों में हो रही भर्तियों में भारी अनियमितताएं बरती जा रही है और भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है. उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा सरकारी विभागों में की जाने वाली भर्ती में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार हुआ है, जिसके खिलाफ कांग्रेस 19 जुलाई को सचिवालय का घेराव करेंगी.
बीजेपी सरकार पर सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार का आरोप पढ़ें- उत्तराखंड में कोरोना बूस्टर डोज की शुरुआत, CM धामी ने लगवाई वैक्सीन, 75 दिन तक फ्री में लगेगा टीका भुवन कापड़ी ने कहा कि पहले उत्तराखंड पुलिस में भर्तियां जनपद स्तर पर आयोजित की जाती थी. लेकिन अब पूरे प्रदेश की भर्तिया एक साथ की जा रही है, जिसकी मेरिट लिस्ट भी जिला स्तर के बजाय राज्य स्तर पर तैयार की जाएगी. इससे पर्वतीय जिलों के रहने वाले युवा भर्ती होने से वंचित हो जाएंगे.
भुवन कापड़ी का कहना है कि इसी प्रकार राज्य के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अपने चेहतों को लाभ पहुंचाने और भ्रष्टाचार की नीयत से राजकीय महाविद्यालय में सहायक प्रवक्ता के पदों पर आवेदन आमंत्रित करके लिखित परीक्षा के स्थान पर मेरिट बेस पर की जा रही है.
उन्होंने कहा कि चयन आयोग की 2016-17 की भर्तियों में हुई अनियमितता और घोटाले की जांच रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है. उन्होंने मांग उठाते हुए कहा कि भर्ती घोटाले की जांच को सार्वजनिक किया जाए. इसी प्रकार सहकारिता विभाग में ही भर्ती घोटाले की जांच में भी लीपापोती की जा रही है. सहकारिता विभाग में अभी तक की सभी भर्तियों की जांच भी होनी चाहिए.
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वहीं, उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने यह भी आरोप लगाया कि लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस परीक्षा के प्रश्न पत्र में उत्तराखंड राज्य से संबंधित मात्र 15 से 20 सवाल पूछे जा रहे हैं. ऐसी परिस्थिति में उत्तराखंड राज्य में सेवा दे रहे अधिकारी राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों से अनभिज्ञ होते हैं, जबकि देश के अन्य राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और झारखंड राज्यों में स्थानीय प्रश्नों का अलग से पेपर होता है.