कोरोना काल में 40 फीसदी कम हुए सड़क हादसे, आंकड़े हैं गवाह - Road accidents in Uttarakhand in the year 2017
कोरोना काल में प्रदेश में 40 फीसदी कम सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. बीते तीन वर्षों के तुलनात्मक आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं.
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Published : Dec 31, 2020, 11:01 PM IST
देहरादूनः उत्तराखंड में कोरोना काल के दौरान वर्ष 2020 सड़क हादसों को लेकर राहत भरा रहा. पिछले 3 वर्षों की तुलना में साल 2020 में सड़क दुर्घटनाओं में 40 फीसदी की कमी दर्ज हुई. इसका मुख्य कारण कोरोना काल में लॉकडाउन और सामान्य तरह से सड़कों पर आवाजाही वाली पाबंदी को माना जा रहा है. हालांकि लॉकडाउन के उपरांत बीते जून माह से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होते ही सड़कों पर आवाजाही बढ़ने से हादसों की रफ़्तार बढ़ने की आशंका जताई जा रही थी. लेकिन राहत भरी बात यह है कि साल के अंत में जारी आधिकारिक आंकड़े तस्दीक़ करते हैं कि विगत वर्षों की तुलना सड़क दुर्घटनाओं में कमी दर्ज की गई है, जो अपने आप में राहत भरी बात है.
कोरोना बंदी के बावजूद राज्य के चार जिलों में सबसे अधिक सड़क हादसें
उत्तराखंड ट्रॉफिक निदेशालय द्वारा जारी अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष कोरोना काल में बंदी के बावजूद सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं उधम सिंह नगर(243), देहरादून(212), हरिद्वार(198) और नैनीताल में (122) की संख्या में दर्ज हुई है, जबकि सबसे कम सड़क दुर्घटनाएं अल्मोड़ा में मात्र 2 और बागेश्वर में भी 2 संख्या में दर्ज की गई है.
सड़क हादसों में मृतकों की स्थिति
वहीं सड़क दुर्घटनाओं में जिंदगी गंवाने वाले मृतकों की बात करें तो विगत वर्षों की तुलना इस वर्ष 30 नवंबर 2020 तक राज्य भर में मात्र 583 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है. जबकि प्रतिवर्ष औसतन 1000 (एक हज़ार) यानी प्रतिदिन 3 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत का आंकड़ा उत्तराखंड में विगत वर्षों में दर्ज किया गया है.
11महीनों इन दो जिलों में अब तक सड़क हादसे से किसी की मौत नहीं
वर्ष 2020 के नवंबर माह यानी पिछले 11 महीनों में उत्तराखंड के अल्मोड़ा और बागेश्वर ऐसे जिले हैं, जहां सिर्फ दो -दो सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. वहीं, सबसे राहत की बात है कि इन दोनों जिलों में सड़क हादसे से किसी की मौत पिछले 11 महीने में नहीं हुई है.
उत्तराखंड में जिलेवार सड़क दुर्घटनाओं का 3 वर्षीय तुलनात्मक आंकड़ा- (जनवरी 2018 से नवंबर 2020 तक)