देहरादून: महिला बाल विकास मंत्री रेखा आर्य और उनके विभागीय सचिव वी. षणमुगम के बीच बढ़ते विवाद को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार को जांच सौंपी गई है. जनप्रतिनिधि और नौकरशाही के बीच जहां अब तक छुटपुट बातें निकल कर सामने आ रही थी, तो अब खुलकर सियासत और नौकरशाही के बीच की कलह सामने आ गई है. जिसके बाद अब यह मामला हाईप्रोफाइल होता जा रहा है.
एक विवाह के टेंडर को लेकर महिला बाल विकास विभाग में बात ऐसी बिगड़ी कि विभागीय मंत्री और निदेशक आपस में ही भिड़ गये. जिसमें विभागीय मंत्री ने निदेशक की गुमशुदगी को लेकर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई. पुलिस की जांच में विभागीय सचिव वी. षणमुगम अपने घर पर पाए गए. जिसके बाद सवाल उठने लगे कि आखिर एक मंत्री और उसके अधिकारी के बीच इतनी सामंजस्य की कमी क्यों है?
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मामले में कूदे अन्य राजनीतिक दल
इस मामले ने तूल पकड़ा तो अलग-अलग राजनीतिक दलों ने भी अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू की. जिसमें कांग्रेस की ओर से हरीश रावत ने सोशल मीडिया के माध्यम इस मामले में अपनी राय रखी. वहीं, अलग-अलग संगठनों के जन प्रतिनिधियों ने भी सरकार और नौकरशाह के बीच लगातार बढ़ती दिक्कतों का जिक्र करते हुए इस ओर ध्यान देने की बात कही.
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