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सवालों के घेरे में वन विभाग की कार्यप्रणाली, लग रहे भ्रष्टाचार के आरोप, कटघरे में जांच कमेटी - Allegations corruption in Tehri Forest Department

Uttarakhand Forest Department टिहरी में वन विभाग के विभिन्न विकास कार्यों में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी को लेकर करीब 2 महीने पहले जांच कमेटी भी बनाई गई. उसमें पांच सदस्य रखे गए. 15 दिन में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने के लिए भी कहा गया, लेकिन अब तक इस मामले की जांच नहीं हो पाई है. जिसके कारण वन विभाग फिर से चर्चाओं में है.

Uttarakhand Forest Department
सवालों के घेरे में वन विभाग की कार्यप्रणाली

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Published : Jul 28, 2023, 4:59 PM IST

Updated : Jul 28, 2023, 6:25 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड वन विभाग अक्सर विवादों में घिरा रहता है. इस बार वन विभाग की कार्यप्रणाली दो तरफा सवालों के घेरे में है. एक तरफ टिहरी क्षेत्र में वन विभाग के तहत होने वाले विभिन्न कार्य भ्रष्टाचार को लेकर आरोपों में घिरे हुए हैं. वहीं, दूसरी तरफ वन विभाग की तरफ से बनाई गई जांच कमेटी भी कटघरे में है. क्या है ये पूरा मामला? आइये आपको बताते हैं.

उत्तराखंड वन विभाग राज्य में ऐसे कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, जो पर्यावरण के साथ ही टूरिज्म के लिए भी बेहद जरूरी हैं. वन विभाग का उत्तराखंड में महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि प्रदेश का 70% हिस्सा वन आच्छादित है. विभिन्न योजनाओं में वन विभाग अहम भूमिका निभाता है. इस परिस्थिति के बीच यदि वन विभाग भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर जाए, तो इससे गंभीर बात कोई नहीं हो सकती. ताजा मामला टिहरी जिले से सामने आया है. जहां विभिन्न विकास कार्यों में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. कमाल की बात यह है कि पिछले कई महीनों से इस तरह के आरोप वन विभाग के बड़े अधिकारियों के संज्ञान में लाए जा रहे हैं, लेकिन इस पर कार्रवाई अब तक ना के बराबर हुई है. सबसे पहले जानिए कि टिहरी क्षेत्र में वन विभाग के कामों पर किस तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.

टिहरी में हुए भ्रष्टाचार पर उठे सवाल

इस मामले को लेकर घनसाली से पूर्व विधायक भीम लाल आर्य ने वन विभाग के मुख्यालय में धरना तक दिया. वन विभाग ने इसको लेकर एक बार फिर जांच कमेटी को जल्द से जल्द जांच पूरी करने के निर्देश दिये. पूर्व विधायक भीम लाल आर्य ने कहा जिस तरह सरकारी योजनाओं में वन विभाग काम कर रहा है, उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं. यदि स्थलीय निरीक्षण कर योजनाओं की जांच की जाए, तो इसमें भ्रष्टाचार का एक बड़ा खुलासा हो सकता है.

टिहरी में हुए भ्रष्टाचार पर उठे सवाल
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वन विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप से जुड़ा यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी तमाम रेंज क्षेत्र में भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहे हैं. यही नहीं कई मामले तो जांच से आगे कार्रवाई तक बढ़ ही नहीं पाए. ताजा मामला इस बात को उजागर करता है कि वन विभाग में जांच कमेटी तो बनाई जाती है, लेकिन यह जांच कभी नतीजे तक नहीं पहुंचती. टिहरी जिले में वन विभाग के स्तर पर सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी को लेकर करीब 2 महीने पहले जो जांच कमेटी बनाई गई थी, उसमें पांच सदस्य रखे गए. 15 दिन में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने के लिए भी कहा गया. अब 2 महीने बीत जाने के बाद भी इस पर कोई काम नहीं हुआ है. इसी का नतीजा है कि अब एक बार फिर वन विभाग को एक नया आदेश जारी करना पड़ा है. विभाग की जांच कमेटी को जांच पूरी न करने पर खेद व्यक्त करना पड़ रहा है.
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इस मामले में ईटीवी भारत ने एपीसीसीए प्रशासन बीपी गुप्ता से बात की. उन्होंने कहा इस मामले में जांच कमेटी को निर्देशित किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा वे इस मामले पर बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं.

Last Updated : Jul 28, 2023, 6:25 PM IST

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