देहरादून: कहते हैं राजनीति में कब क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. ऐसे ही मौजूदा समय में कब कौन सा नेता किस पार्टी में शामिल हो जाए इसका भी अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. ऐसा ही अंदाजा शायद आम आदमी पार्टी भी नहीं लगा सकी. 'आप' को भी शायद कभी ऐसा नहीं लगा होगा कि जिस शख्स को ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के नाम पर वो पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा बना रहे थे, वो आगे चलकर पार्टी के लिए ही ईमानदार नहीं रह सकेगा. यहां कर्नल अजय कोठियाल की बात हो रही है.
दरअसल, 2022 में हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने कर्नल अजय कोठियाल को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया था. कोठियाल को पार्टी ने तमाम बड़े नेताओं की पंक्ति में जगह दी थी. यहां तक कि केजरीवाल खुद कोठियाल की ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के किस्से जनसभाओं में सुनाकर उनको गले लगाया करते थे. लेकिन क्या पता था कि कर्नल चुनाव में अपनी जमानत भी नहीं बचा पाएंगे. यहां तक तो फिर भी ठीक था, लेकिन चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद कोठियाल के विचारों के साथ पार्टी में ही बदलाव कर देना कई सवालों को खड़ा कर गया.
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हालांकि, बीजेपी में जाकर खुद कर्नल अजय कोठियाल ने इन सवालों के जवाब देने की कोशिश की. तब लगा था कि अब बीजेपी कोठियाल की योग्यता का शायद उस तरह इस्तेमाल कर सके, जो आम आदमी पार्टी नहीं कर सकी थी. लेकिन हाल ही में बीजेपी ने एक ऐसा कदम उठाया जिसने कोठियाल के फैसले पर उंगलियां उठने लगी हैं. अब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस कोठियाल की नई नियुक्ति पर सवाल खड़े कर रही है.
कर्नल अजय कोठियाल का प्रमोशन माना जाए या डिमोशन. बीजेपी ने बनाया प्रवक्ता:उत्तराखंड में कर्नल अजय कोठियाल का नाम और काम किसी से छिपा नहीं है. Nehru Institute Of Mountaineering (निम) जैसी संस्था के प्रिंसिपल रहे कर्नल अजय कोठियाल ने सैकड़ों लोगों को भारतीय सेना में शामिल करवाया है. उनकी इन्हीं सब उपलब्धियों को देखकर आम आदमी पार्टी ने कोठियाल को ना केवल पार्टी में शामिल किया था, बल्कि उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा भी बनाया था. वो बात अलग है कि आम आदमी पार्टी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई और हार की जिम्मेदारी कर्नल ने ली. लेकिन इसके बाद वो पार्टी से बाहर होकर बीजेपी में शामिल हो गए.
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बीजेपी में शामिल होने के बाद भी उनके कद और व्यक्तित्व को देखकर यही अंदाजा लगाया जा रहा था कि उन्हें कोई बड़ा पद दिया जा सकता है. उम्मीद तो यहां तक जताई जा रही थी कि कर्नल अजय कोठियाल को आने वाले हिमाचल चुनाव में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है. लेकिन इसी बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने प्रवक्ताओं की एक सूची जारी की और उस सूची में कर्नल अजय कोठियाल का नाम भी शामिल था.
आम आदमी पार्टी ले रही चटकारे:यानि अब कर्नल अजय कोठियाल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हैं. ये लिस्ट जारी होने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि ये कोठियाल का प्रमोशन नहीं बल्कि डिमोशन है. दरअसल, कर्नल कोठियाल के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद से ही आम आदमी पार्टी के तमाम नेता इस बात से बेहद नाराज थे कि कोठियाल को बढ़-चढ़कर सम्मान दिया गया, उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा तक बनाया गया. लेकिन उन्होंने मिले सम्मान का अनादर किया और विपक्षी पार्टी में शामिल हो गए.
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आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश शर्मा कहते हैं कि, कोठियाल ने भारतीय जनता पार्टी में जाकर गलती की और अब वहां उनकी क्या हैसियत है इस बात का अंदाजा हाल ही में प्रवक्ताओं की जारी हुई सूची ने बता दिया. नरेश शर्मा कहते हैं कि बीजेपी इतना बड़ा मंदिर है जहां कर्नल अजय कोठियाल जैसे व्यक्ति कहां समा जाएंगे कोई नहीं बता सकता. शर्मा कहते हैं, कोठियाल के रहते हुए आम आदमी पार्टी पर ना कोई फर्क पड़ रहा था और ना ही उनके जाने के बाद पड़ा है. लेकिन आम आदमी पार्टी से दामन छुड़ाने के बाद कर्नल का कद जरूर घट गया है और हो सकता है कि अब कर्नल को अपने किए पर पछतावा हो रहा हो.
कांग्रेस का तंज: उधर, कर्नल अजय कोठियाल के बीजेपी में शामिल होने और प्रवक्ता बनाए जाने के बाद से कांग्रेस सिर्फ वेट एंड वॉच की स्थिति में है. कांग्रेस प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट कहते हैं कि ये बीजेपी का अंदरूनी मामला है. हां, इतना जरूर है कि कर्नल अजय कोठियाल जैसा व्यक्ति जिसका राज्य में अपना एक सम्मान है, उनको सिर्फ प्रवक्ता बनाकर बीड़ में छोड़ देना यहां की जनभावना के साथ खिलवाड़ है. यह उनके पद की गरिमा के खिलाफ है.
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क्या कोठियाल संतुष्ट:जब इस बारे में कर्नल अजय कोठियाल से बातचीत की गई तो उनका कहना है कि भारतीय जनता पार्टी जनता की सेवा करने के लिए हमेशा तत्पर रहती है और वो एक सिपाही की तरह बीजेपी में शामिल हुए हैं. उन्हें इस बात से भी सम्मान की अनुभूति है कि उन्हें प्रवक्ता बनाया गया है ताकि वो पार्टी और जनता की आवाज बन सकें. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी और इस पार्टी में जिस तरह के सम्मान, सत्कार और समन्वय देखा जा सकता है वो कहीं और नहीं है. पूर्व में क्या हुआ-क्या नहीं इस बारे में वह फिलहाल कुछ नहीं कहना चाहते हैं.
एक बात तो तय है कि कर्नल अजय कोठियाल विधानसभा चुनावों से पहले जितना बड़ा नाम उभर कर आए थे, चुनाव परिणाम आने के बाद उत्तराखंड की राजनीति में वो उतने ही खामोश हो गए. बीजेपी में आने के बाद अब उन्हें भले ही प्रवक्ता बना दिया गया हो लेकिन उनका बीजेपी में भविष्य क्या है यह तो आने वाला वक्त बताएगा. इतना जरूर है कि हिमाचल चुनाव में सैनिक वोटरों को लुभाने के लिए बीजेपी कर्नल अजय कोठियाल का इस्तेमाल जरूर करेगी.