आचार संहिता के लागू होते ही बंधे सरकार के हाथ, जानिए क्या-क्या नहीं कर सकते माननीय - चुनाव आयोग
आचार संहिता के लागू होते ही बंधे सरकार के हाथ. सरकार लोकलुभावनी घोषणाएं नहीं कर सकेंगे. ऐसा करने पर इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा.
देहरादूनः लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो गईहै. जिसके तहत सरकार किसी भी तरह की लोकलुभावनी घोषणाएं नहीं कर पाएगी. ऐसा करने पर इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा. वहीं लोक सभा चुनाव की घोषणा होने के बाद राज्य निर्वाचन विभाग भी निष्पक्ष व पारदर्शिता के साथ चुनाव कराने को तैयार है.
बैनर पोस्टर हटाये के निर्देश
राज्य निर्वाचन के मुताबिक प्रदेश भर में लगे सभी चुनावी बैनर और पोस्टरों को हटाने का आदेश दिया गया है. सरकारी संपत्ति पर लगे बैनर, पोस्टरों को 24 घंटे के भीतर और पब्लिक प्रॉपर्टी से 48 घंटे के भीतर हटाने होंगे. साथ ही निजी घरो पर लगे बैनर, पोस्टरों को 72 घंटे के भीतर हटाने होंगे.
सरकारी गाड़ियों का नही कर पाएंगे दुरुपयोग
आचार संहिता लागू होने के बाद अब राज्य सरकार, मंत्री, विधायक अपनी सरकारी गाड़ियों का दुरुपयोग नहीं कर पाएंगे. सरकारी गाड़ी केवल घर से ऑफिस और ऑफिस से घर तक के लिए ही प्रयोग कर सकेंगे. साथ ही कोई भी ऑफिशल मीटिंग नहीं कर सकेंगे.
24 घंटे चलेगी कंट्रोल रूम
लोकसभा चुनाव को लेकर कंट्रोल रूम बनाया गया है, जो 24 घंटे अलर्ट होगा. चुनाव से संबंधित कोई समस्या होने पर, टोल फ्री नंबर 18001804444 पर कॉल कर सकते हैं. साथ ही मीडिया सेल, मॉनिटरिंग सेल भी बनाए गए हैं. जिसमें इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और समाचार पत्रों में चल रहे प्रत्याशी खबरों का आकलन किया जाएगा.
नहीं कर सकेंगे शिलान्यास और लोकार्पण
आचार संहिता लगने के बाद अब राज्य सरकार कोई भी योजना का शिलान्यास या किसी भी योजना की शुरुआत नहीं कर पाएगी. हालांकि जिन योजनाओं के काम अभी धरालत पर चल रहे हैं, वो काम सुचारू रूप से चलते रहेंगे.
प्रदेश में 25 मार्च तक मतदाता सूची में नाम जोड़ने का मौका
इस बार प्रदेश में पहले चरण के तहत 11 अप्रैल को मतदान किया जाएगा. उत्तराखंड में पांचों सीटों पर करीब 77 लाख 17 हजार 126 मतदाता वोट डालेंगे. प्रदेश में 11235 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. जो लोग अभी तक मतदाता सूची में नाम नहीं जुड़ा पाए हैं, वो 25 मार्च तक मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करा सकते हैं. इसके लिए मतदाता को एक एप्लीकेशन देना होगा. साथ ही वंचित होने का कारण भी बताना होगा.