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Published : Jan 17, 2020, 11:21 AM IST

Updated : Jan 17, 2020, 3:07 PM IST

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केंद्रीय जलशक्ति मंत्री से मिले सीएम त्रिवेंद्र, इन मुद्दों पर चर्चा कर रखी ये मांग

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय मंत्री जलशक्ति मंत्रालय गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात कर अनेक मुद्दों पर चर्चा की.

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देहरादूनः मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री जलशक्ति मंत्रालय गजेंद्र सिंह शेखावत से भेंट की. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्री से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत पर्वतीय राज्यों हेतु मानकों में परिवर्तन और शिथिलीकरण प्रदान करने की मांग की. वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडे़कर से भी शिष्टाचार मुलाकात कर कई मुद्दों पर बात की.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री जलशक्ति मंत्रालय गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे. जहां पर उन्होंने कई मामलों पर बातचीत की. इस दौरान सरफेस माईनर इरिगेशन स्कीम में नहरों की पुनरुद्धार, जीर्णोद्धार, सुदृढीकरण और विस्तारीकरण की योजनाओं को भी स्वीकृति प्रदान किये जाने का अनुरोध किया गया. साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में नहर निर्माण की लागत की सीमा को बढ़ाकर ₹3.50 लाख प्रति हेक्टेयर करने का अनुरोध किया.

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सीएम त्रिवेंद्र ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री के समक्ष रखे ये मांग-

  • सीएम त्रिवेंद्र ने आगामी 2021 में होने वाले महाकुंभ के मद्देनजर हरिद्वार में एक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) निर्माण का अनुरोध किया. जिस पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने प्रस्ताव भेजने को कहा.
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत राज्य में 651 लघु परियोजनाओं के लिए अवशेष ₹63 करोड़ की राशि अवमुक्त करने की मांग की.
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 651 लघु सिंचाई योजना की अवशेष केंद्रांश की धनराशि ₹63.57 करोड़ की मांग का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है. इन निर्माणाधीन योजनाओं को पूरा करने के लिए धनराशि अवमुक्त करने का अनुरोध किया.
  • राज्य की ₹349.39 करोड़ की 422 लघु सिंचाई की नई योजनाओं का प्रस्ताव भेजा गया है. जिसे 19524 हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित करने को लेकर वित्तीय वर्ष 2019-20 में ₹27.97 करोड़ अवमुक्त करने की बात कही.
  • जल जीवन मिशन योजना पर चर्चा की. उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर पर्वतीय क्षेत्रों में पेयजल और सिंचाई प्रोजेक्ट में 5 फीसदी अंशदान की व्यवस्था खत्म करने की मांग की.
  • राज्य के ग्रामीण आबादी में पाइपलाइन वितरण प्रणाली पर आने वाले व्यय को ही विलेज इन्फ्रास्ट्रक्चर की लागत के आगणन हेतु शामिल करने की मांग की. साथ ही इसी के सापेक्ष 5 फीसदी सामुदायिक अंशदान का निर्धारण की व्यवस्था लागू करने को कहा.

वहीं, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र की ओर से दिए गए इन सुझावों पर समुचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.

उधर, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से शिष्टाचार भेंट की. जिसमें उन्होंने उत्तराखंड में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना-1 के तहत 1153.591 किमी के 140 वनभूमि प्रभावित कार्य के संबंध में चर्चा की. साथ ही मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से मामले पर वन भूमि प्रत्यावर्तन की प्रक्रिया मार्च 2020 तक पूरा करने का अनुरोध किया.

Last Updated : Jan 17, 2020, 3:07 PM IST

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