देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में केंद्र पोषित योजनाओं को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्र पोषित योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट को भी जाना. वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने विभिन्न योजनाओं के लक्ष्य को निर्धारित समय के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राज्य स्तरीय दिशा समिति की बैठक आयोजित की. इस दौरान केंद्र पोषित योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की गई. बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि समिति के सदस्य सांसदों और विधायकों को आवश्यक सूचनाएं समय पर उपलब्ध कराई जाएं, जिला स्तर की बैठकों का आयोजन सुनिश्चित किया जाए. विभिन्न योजनाओं का लक्ष्य निर्धारित समय के भीतर पर पूरे हो, कार्यों की क्वालिटी पर भी विशेष ध्यान दिया जाए. साथ ही कोविड-19 के कारण हुई देरी की भरपाई करने के लिए दोगुनी ऊर्जा से काम करने को भी कहा.
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मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि खनिज क्षेत्र कल्याण योजना में पर्याप्त मात्रा में धन उपलब्ध है. इसमें अवस्थापनात्मक, सामाजिक क्षेत्र और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित काम कराए जाएं. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में प्लेसमेंट को प्रमुखता दी जाए. डिजिटल भारत भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम को सभी जिलों में तेजी से लागू कराया जाए. मनरेगा में अच्छा काम किया गया है, इसमें सुनिश्चित किया जाए कि नए जॉब कार्ड बनाने में कोई परेशानी न हो. जिन गांवों में दूरसंचार की कनेक्टिविटी नहीं है, उन गांवों को कनेक्टिविटी से जोड़ने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए.
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वहीं, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि विकास समंवय और निगरानी समिति (दिशा) द्वारा 41 केंद्र पोषित योजनाओं व कार्यक्रमों की समीक्षा की जाती है. इसका उद्देश्य चुने हुए जनप्रतिनिधियों के सहयोग से उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना और तालमेल को बढ़ाना है. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति और सांसदों की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति बनाई गई हैं. उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय समिति में सभी सांसद और कुछ विधायक भी सदस्य होते हैं. वहीं, समन्वय समिति और निगरानी समिति धन प्रवाह की समीक्षा, भूमि, स्थान जैसे मामलों को हल करना और योजनाओं के क्रियान्वयन में सुधार के लिए आवश्यक्तानुसार सुझाव भारत सरकार को दे सकती है.