देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. जिसके तहत उन्होंने पति की पैतृक संपत्ति में पत्नी को बराबर का अधिकार दिया गया है. जिसका उत्तराखंड की आधी आबादी यानी महिलाओं को बड़ा लाभ मिलेगा. इसी के साथ मुख्यमंत्री ने अपना वो वादा भी निभाया है, जो उन्होंने 13 साल पहले चमोली जिले की एक महिला से किया था. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खुद टि्वटर पर इस बात की जानकारी दी.
मुख्यमंत्री ने लिखा कि साल 2008 में कृषि मंत्री रहते हुए उनकी मुलाकात सीमांता जनपद चमोली की रहने वाली विश्वेश्वरी देवी से हुई थी. उन्होंने बड़े तार्किक ढंग से बात रखी थी कि पति की संपत्ति में महिलाओं को बराबरी का अधिकारी होना चाहिए और उनकी ये बात हमेशा जेहन में रही. आज मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर बेहद खुश हूं. क्योंकि उनकी सरकार ने विश्वेश्वरी देवी के मन की इच्छा को पूरा किया है और प्रदेश की लाखों महिलाओं को उनका अधिकार दिलाया. मातृशक्ति का आशीर्वाद सदैव बना रहे, ताकि आगे भी वे इसी प्रकार के जनहित निर्णय लेते रहें.
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विश्वेश्वरी देवी ने जताई खुशी
पति की पैतृक संपत्ति में महिलाओं को जो अधिकार मिलने जा रहा हैं, उस पर विश्वेश्वरी देवी ने मुख्यमंत्री की आभार जताया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जब 2008 में कृषि मंत्री थे तब वो चमोली आए थे, तब उनके सामने उन्होंने अपनी समस्या रखी थी और कहा था कि संपत्ति में महिलाओं को बराबरी का अधिकार होना चाहिए. आज जब मोबाइल में उनका भाषण देखा तो उन्हें बेहत खुशी हुई है.