देहरादूनःमुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुंभ मेला-2021 की समीक्षा करते हुए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं. आगामी 2021 में होने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में महाकुंभ मेले को लेकर 25वीं बैठक की गई. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने हरिद्वार और ऋषिकेश में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. साथ ही मेले में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए रोडमैप बनाने के भी निर्देश दिए हैं.
बैठक में महाकुंभ का आयोजन दिव्य और भव्य हो, मेला क्षेत्र का सौंदर्यीकरण तय समय पर पूरा किये जाने, कुंभ मेले के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बरकरार रखते हुए कोविड के दृष्टिगत सुरक्षित आयोजन पर चर्चा किया गया. साथ ही इस संबंध में अखाड़ों के संत महात्माओं का मार्गदर्शन और सहयोग किया जाएगा.
महाकुंभ की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक. स्थायी प्रकृति के काम दिसंबर महीने तक होंगे पूरे
इतना ही नहीं कुंभ के सभी स्थायी प्रकृति के काम दिसंबर माह तक पूरे कर लिए जाएंगे. जबकि, अस्थायी कामों के लिए टेंडर प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी. बैठक में निर्णय लिया गया है कि मुख्य सचिव, हर हफ्ते कुंभ की तैयारियों की समीक्षा करेंगे. स्वास्थ्य विभाग को भी सामान्य रूप से होने वाली तैयारियों के साथ ही कोविड के दृष्टिगत भी योजना बनाकर काम करने को कहा गया है.
हरिद्वार के सभी धर्मशालाओं, आश्रमों और होटलों को कोविड के दृष्टिगत मार्गदर्शिका उपलब्ध कराने को कहा गया है. साथ ही वहां काम करने वाले कर्मचारियों को जल्द से जल्द प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं. सभी काम समय पर पूरे हो सके, इसके लिए दो शिफ्ट में भी काम किया जा सकता है. साथ ही व्यापार मंडल के सहयोग से अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जाएगी. हरिद्वार में सड़कों को जल्द से जल्द दुरूस्त किया जाएगा. वहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ समन्वय स्थापित कर जरूरी काम कराने को भी कहा गया है.
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स्वास्थ्य सुविधाओं का रोड मैप बनाने के निर्देश
बैठक में मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुंभ मेले के विभिन्न कार्यों की प्रगति की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हरिद्वार के कूड़ा निस्तारण के लिए कार्य योजना तैयार की गई है. इस पर करीब 35 करोड़ रुपये का खर्च होगा. हरिद्वार में 1,000 बेड का कोविड केयर सेंटर भी बनाया जाएगा. जिसमें करीब 493 डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी. साथ ही एंबुलेंस की भी आवश्यकतानुसार व्यवस्था की जा रही है.
इसके अलावा बाइक एंबुलेंस और बोट एम्बुलेंस तैनात करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं. जिससे आवश्यकता पड़ने पर तत्काल प्रभाव से मरीजों का रेस्क्यू किया जा सके. कुंभ मेला क्षेत्र को 23 सेक्टर में बांटा गया है. किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए अतिरिक्त टीमें रिजर्व में रहेंगी और जल्द ही अधिकारियों के लिंक अधिकारी भी नामित किए जाएंगे.
हरिद्वार में 35 से 50 लाख लोग एक दिन में कर सकते हैं स्नान
शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के नहाने में कोई अड़चन नहीं आएगी. क्योंकि, फिलहाल अभी जो घाटों की क्षमता है, उसके अनुसार रोजाना 35 से 50 लाख लोग एक दिन में स्नान कर सकते हैं. लिहाजा, महाकुंभ के मुख्य पर्व को लेकर व्यवस्था बनाई जा रही है कि किस तरह से ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर सकें. हालांकि, उस दौरान श्रद्धालुओं के स्नान करने की संख्या क्या होगी? वह तत्कालिक समय पर निर्भर करेगा, लेकिन आम दिनों में श्रद्धालुओं को नहाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. क्योंकि, वहां की क्षमता काफी ज्यादा है.
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महाकुंभ में सामान्य स्नान पर नहीं होगी कोई रोक-टोक
एक जनवरी से 30 अप्रैल तक चलने वाले महाकुंभ मेले में चार शाही स्नान होंगे. लिहाजा, राज्य सरकार ने इन चार मुख्य शाही स्नान के अतिरिक्त सामान्य स्नान पर कोई रोक-टोक नहीं लगाया है. ऐसे में स्नान का समय और घाटों के निर्धारण की व्यवस्था केवल मुख्य स्नानों पर ही की जाएगी. जिस पर राज्य सरकार अखाड़ों से बातचीत कर तय करेगा.
वहीं, शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि सामान्य स्नान के लिए कोई संख्या तय नहीं की गई है. हालांकि, राज्य सरकार मात्र मुख्य स्नान पर फोकस कर रही है कि उस दिन जो गंगा घाटों की कैपेसिटी है, उस कैपेसिटी के अनुरूप ही श्रद्धालुओं को स्नान करने की अनुमति दी जाए.