देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रुड़की नगर निगम में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित किए जाने को लेकर अधिकारियों संग बैठक की. इस दौरान प्लांट पर कार्य शुरू नहीं होने पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नाराजगी जताई. सीएम ने आगामी 5 सितंबर तक बिड प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं. वेस्ट टू एनर्जी प्लांट शहरी विकास विभाग की तरफ से बनाया जाएगा. इसके बाद देहरादून और उधमसिंह नगर में भी वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित किए जाएंगे.
स्वच्छ भारत अभियान के तहत रुड़की शहर में कूड़े से बिजली बनाने वाले प्लांट को लगाया जाना है. प्लांट लगाने की जिम्मेदारी जर्मन कंपनी को सौंपी गई थी. लेकिन, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की तरफ से अनुमति न मिलने की वजह से योजना लटकी हुई थी. सितंबर 2016 में केंद्र सरकार ने योजना को हरी झंडी दे दी है.
ये भी पढ़ें:राम मंदिर आंदोलन की यादें: मुलायम ने कहा था- 'परिंदा पर नहीं मार सकता'
जिसके बाद वेस्ट टू एनर्जी प्लांट को बनाने के लिए सिडकुल को कार्यदायी संस्था बनाया. लेकिन अभी तक इस प्लांट पर कार्य शुरू नहीं हुआ है. हालांकि इस महत्वाकांक्षी परियोजना के पूरा होने पर रुड़की, हरिद्वार, देहरादून, ऋषिकेश और उत्तरकाशी जैसे पांच बड़े शहरों में कूड़े के निस्तारण की समस्या का समाधान हो जाएगा. इन सभी शहरों से प्रतिदिन निकलने वाला कूड़ा ‘वेस्ट टू एनर्जी’ में ट्रीट किया जाएगा.
वहीं, बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पॉलिसी के हिसाब से ऊर्जा विभाग की सहमति लेकर इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू की जाए. रुड़की में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित करने के लिए वर्ष 2015-16 में सिडकुल को कार्यदायी संस्था बनाया गया था, लेकिन प्लांट पर कार्य शुरू नहीं होने पर सीएम ने नाराजगी जताई.