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Published : Jun 8, 2020, 7:57 AM IST

Updated : Jun 8, 2020, 10:15 AM IST

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सीएम ने आपदा प्रबंधन के तीन साल को बताया सबसे अहम, पुनर्वास के साथ हो रहे कई महत्वपूर्ण काम

प्रदेश में आपदा प्रबंधन के पिछले तीन साल बहुत ही अहम रहे हैं. इस मौके पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आपदा प्रबंधन की ओर से इन तीन सालों में संवेदनशील गांवों में कई परिवारों का पुनर्वास किया जा चुका है. साथ ही प्रबंधन से जुड़े कई महत्वपूर्ण काम किए जा रहे हैं.

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आपदा प्रबंधन देहरादून

देहरादून: उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन के लिए बीते 3 साल बेहद महत्वपूर्ण रहे हैं. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने दावा किया है कि उन्होंने अपने 3 साल के कार्यकाल में कई गांवों में पुनर्वास से लेकर आपदा प्रबंधन से जुड़े कई कार्य करवाए हैं.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है, कि आपदा प्रबंधन विभाग संवेदनशील गांवों में परिवारों के पुनर्वास का काम गंभीरता से करवा रहा है. साल 2017 से पहले की बात करें तो 2 गांवों के 11 परिवारों का पुनर्वास किया गया था. वर्तमान सरकार ने अपने तीन साल के कार्यकाल में अभी तक 25 गांवों के 688 परिवारों का पुनर्वास करवाया है. उन्होंने कहा, कि साल 2017 तक 2 गांवों के 11 परिवार, साल 2017-18 में 12 गांवों के 177 परिवार, साल 2018-19 में 6 गांवों के 151 परिवार और साल 2019-20 में 7 गांवों के 360 परिवारों का पुनर्वास अब तक किया जा चुका है.

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सीएम ने बताया, कि साल 2017 तक राज्य सरकार ओर से आपदा प्रबंधन के जरिए संवेदनशील गांवों में पुनर्वास के लिए करीब 37 लाख 50 हजार रुपए आवंटित किए गए. जबकि साल 2017 से 2020 तक 29 करोड़ 12 लाख 53 हजार रुपए वितरित किए जा चुके हैं. आपदा प्रभावित करीब 395 गांवों को संवेदनशील गावों के रूप में चिन्हित किया गया था. इनमें से करीब 225 गांवों का भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराया जा चुका है.

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सीएम ने बताया, कि विश्व बैंक की सहायता से उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट के तहत 84 पुलों का निर्माण और 15 सड़क मार्ग पर सुरक्षात्मक कार्य किए जा रहे हैं. 5 रिवर बैंक प्रोटेक्शन कार्य, यूएसडीएमए का भवन और जौलीग्रांट में एसडीआरएफ प्रशिक्षण सुविधा का निर्माण कार्य भी किया जाना है. इस परियोजना के लिए विश्व बैंक से करीब 840 करोड़ रुपए का ऋण लिया जाएगा. ये परियोजना 29 अप्रैल साल 2019 से प्रभावी है. इसकी समाप्ति की तिथि 31 मार्च साल 2022 निर्धारित है. अभी तक परियोजना के 22 प्रतिशत कार्य पूरे किये चुके हैं.

Last Updated : Jun 8, 2020, 10:15 AM IST

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