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नमामि गंगे से धुलेंगे सुसवा नदी के 'दाग', दोबारा बनेगी जीवनदायिनी

सुसवा नदी का जो पानी कभी डोईवाला का जीवन देता आज वो जहरीला हो गया है. इस पानी को छूने से चर्म रोग हो रहा है. किसानों की फसल बर्बाद हो रही है. स्थानीय लोग और किसान काफी समय से सुसवा को प्रदूषण मुक्त करने की बात कह रहे हैं.

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Published : Nov 3, 2020, 9:36 PM IST

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सुसवा नदी

डोईवाला: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मंगलवार को बीजेपी के प्रशिक्षण शिविर में डोईवाला पहुंचे, जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया. इस दौरान सीएम से जब सुसआ नदी के प्रदूषण को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि बिंदाल, रिस्पना और सुसवा नदी में डाले जाने वाले करीब 129 नालों को टेप करने का काम शुरू हो चुका है.

सीएम ने कहा कि सुसवा नदी के प्रदूषण को तब ही कम किया जा सकता है, जब सीवर का पानी सुसवा नदी में ना डाला जाए. इस पर नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत काम किया जा रहा है.

नमामि गंगे से योजना से साफ होगी सुसवा नदी.

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बता दें कि कभी डोईवाला के ग्रामीण इलाकों में जीवनदायिनी कही जाने वाली सुसवा नदी आज नाले में तब्दील हो चुकी है. सुसवा नदी में देहरादून के सीवर और गंदे नालों का पानी गिर रहा है. सुसवा नदी के पानी का उपयोग खेतों में सिंचाई के लिए भी किया जाता है. इनता ही नहीं राजाजी नेशनल पार्क वन्यजीव और घरेलू जानवार भी सुसवा नदी का पानी पीते हैं, लेकिन अब इस नदी की पानी जहर में तब्दील होता जा रहा है.

सुसवा नदी का जो पानी कभी डोईवाला का जीवन देता था, आज वो जहरीला हो गया है. इस पानी के इस्तेमाल से चर्म रोग हो रहा है. वहीं, इस पानी से सिंचाई करने से किसानों की फसल बर्बाद हो रही है. ऐसे में स्थानीय लोग और किसान काफी समय से सुसवा को प्रदूषण मुक्त करने की बात कह रहे हैं.

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