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शहादत को सलाम: राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पहुंचकर CM त्रिवेंद्र ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि - uttarakhand news

दिल्ली पहुंचे सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान सीएम ने कहा कि ये स्मारक राष्ट्र की रक्षा में पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवानों के बलिदान की याद दिलाता है

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शहीदों को श्रद्धासुमन

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Published : Feb 17, 2020, 5:13 PM IST

देहरादून/नई दिल्ली: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर सीएम ने कहा कि यह राष्ट्रीय स्मारक राष्ट्र की रक्षा में पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवानों के बलिदान की याद दिलाता है. राष्ट्रीय पुलिस स्मारक एक प्रेरणादायक स्मारक है. यह सदैव सर्वोच्च बलिदान की गौरवगाथा को बताता है.

शहीदों को श्रद्धासुमन

कार्यक्रम में सीएम त्रिवेंद्र रावत के साथ उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, सांसद माला राजलक्ष्मी शाह, सांसद अजय भट्ट, विधायक देशराज कर्णवाल, रितु खण्डूरी, हरबंस कपूर, सुरेन्द्र सिंह जीना, मुन्ना सिंह चौहान समेत कई विधायक और नेता मौजूद रहे. वहीं कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार और पुलिस अपर महानिदेशक विनय कुमार भी मौजूद रहे.

इस दौरान सीएम ने कहा कि साल 2013 में उत्तराखंड में आई भीषण आपदा के पाश्चात राज्य में एसडीआरएफ का गठन किया गया. वर्तमान में राज्य में एसडीआरएफ की चार कंपनियां कार्यरत हैं. सिटी क्राइम पर नियन्त्रण किये जाने के उद्देश्य से प्रयोग के रूप में उत्तराखण्ड राज्य के चार जनपदों में सीटी पेट्रोल यूनिट (सीपीयू) का गठन किया गया है. जिसका कार्य चैन स्नेचिंग, महिला छोड़खानी, ऑटो लिफ्टिंग लूट और एक्सीडेंट रोकना है.

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त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में साल 2000 से 2019 तक शहीद पुलिसकर्मियों की संख्या 182 है. मुख्यमंत्री ने बताया कि देश में शांति व्यवस्था कायम रखने, प्राकृतिक आपदा या दुर्घटनाओं में बचाव और राहत पहुंचाने का कार्य हमारे जवान करते हैं और जब भी इनकी जरूरत होती हैं, यह उस समय मौजूद रहते हैं. वहीं इस दौरान सीएम ने विजिटर बुक में लिखा कि राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित करने का अवसर मिला. हमारे जवानों की शहादत ने स्मारक बनाने की प्रेरणा दी. देश की राजधानी में स्मारक बनने से उनकी शहादत को सलाम करने का अवसर मिला.

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