देहरादून: देश में हर साल की तरह 21 अक्टूबर को आयोजित होने वाले 'पुलिस शहीद स्मृति दिवस' का कार्यक्रम दून के पुलिस लाइन में आयोजित किया गया. इस मौके पर आयोजित परेड की सलामी लेने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्मृति स्मारक पर शहीदों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की. शहीद पुलिस कर्मियों को याद करते हुए पुलिस और शासन प्रशासन के आलाधिकारियों सहित राजनीतिक नेताओं ने शहीदों को नमन किया.
स्मृति दिवस के मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साल 1959 लद्दाख सीमा पर चीनी सैनिकों के हमले से शहीद हुए पुलिस जवानों को याद कर नमन किया. सीएम ने शहीद कर्मियों के परिवारजनों को इस मौके पर शॉल भेंट कर सम्मानित किया.
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड में पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती राज्य में हर साल मानसून सीजन में आने वाली प्राकृतिक आपदा हैं. इसमें पुलिस जवान अपनी जान जोखिम में डालकर कर्तव्य निष्ठा, सेवा भाव से जनता की रक्षा करते हैं.
अतिरिक्त भत्ता बढ़ोतरी की घोषणा
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्मृति दिवस के मौके पर शासन द्वारा मंजूरी मिले पुलिस बढ़ोत्तरी भत्ते की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने पुलिस कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर तक के कर्मियों की वर्दी धुलाई का भत्ता 150 रुपये से बढ़ाकर 200 रुपये करने की घोषणा की. वहीं, अंशकालीन सफाईकर्मियों के मानदेय को 1500 रुपये से बढ़ाकर 2509 प्रति माह करने की भी घोषणा की. इसके साथ ही बंदीगृहों में कैदियों के भोजन डाइट राशि को 45 रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये प्रतिदिन करने की घोषणा की.
21 अक्टूबर आजाद भारत के इतिहास में उस दिवस के लिए जाना जाता है, जब लद्दाख सीमा पर चीन की सेना ने भारतीय पुलिस की 21 जवानों पर घात लगाकर हमला कर दिया था. ये घटना वर्ष 1959 की है, जब लद्दाख के हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में चीनी सेना ने घुसपैठ कर भारत तिब्बत सीमा पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों के साथ-साथ अन्य पुलिस बलों के 292 जवानों को शहीद किया था.