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सहकारी समितियां हुईं कंप्यूटरीकृत, सीएम बोले- तेजी के साथ आएगी पारदर्शिता - सीएम त्रिवेंद्र ने किया शुभारम्भ

बहुउद्देशीय साधन सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण का उद्देश्य सहकारी समितियों में पारदर्शिता लाना और काम को आसान बनाना है. ताकि आम लोगों को सहकारी समितियों की योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके.

देहरादून
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Published : Jul 20, 2020, 5:02 PM IST

Updated : Jul 20, 2020, 5:12 PM IST

देहरादून:सहकारी समितियों में पारदर्शिता लाने के लिए उन्हें तकनीक से जोड़ा जा रहा है. इसी कड़ी में सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम आवास पर बहुउद्देशीय साधन सहकारी समितियों के कम्यूटरीकरण का शुभारम्भ किया. इस दौरान बताया गया कि अगले छह माह में सभी सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण का कार्य पूरा हो जाएगा.

इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण से कार्यों में पारदर्शिता व तेजी आएगी. इससे किसानों को काफी सुविधा मिलेगी और उनका काम भी आसान होगा. कृषि और उससे सबंधित क्षेत्रों में केंद्र और राज्य सरकार का विशेष ध्यान है. बहुउद्देशीय साधन सहकारी समितियों के ऑनलाइन होने से लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा.

सीएम त्रिवेंद्र ने नाबार्ड के अध्यक्ष जीआर चिंतला से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वार्ता की. उन्होंने कहा कि प्रदेश में निगमों का विस्तार किया गया है. विस्तारित क्षेत्रों में कृषि कार्यों के लिए बहुत सम्भावनाएं हैं. नाबार्ड ऐसे क्षेत्रों में क्या योगदान दे सकता है इस पर जरूर विचार किया जाएगा. ताकि किसानों को फायदा मिल सके.

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राज्य में महिला स्वयं सहायता समूह विभिन्न क्षेत्रों में बहुत अच्छा काम कर रही हैं. महिला समूहों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है. राज्य में महिला समूहों को पांच लाख रुपए तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है. नाबार्ड की ओर से महिला समूहों को और बढ़ावा देने के लिए सहयोग की आवश्यकता होगी.

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि क्रॉप ऋण के लिए अभी राज्य को नाबार्ड से 500 करोड़ का लोन मिल रहा है. राज्य सरकार कृषकों को फायदा पहुंचाने के लिए अनेक योजनाएं चला रही है. राज्य में 670 बहुद्देशीय साधन सहकारी समिति हैं. इन समितियों के माध्यम से किसानों को बहुत लाभ मिलेगा.

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नाबार्ड के अध्यक्ष जी आर चिंतला ने कहा कि उत्तराखंड को हर सम्भव मदद दी जाएगी. कोविड के दौर में एग्रीकल्चर सेक्टर को बढ़ावा देना जरूरी है. स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देना जरूरी है. फॉर्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन पर नाबार्ड ने विशेष ध्यान दिया है. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महिला स्वयं सहायता को अधिक से अधिक बढ़ावा देना जरूरी है. महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा कार्य किया गया है. यह महिला सशक्तीकरण की दिशा में अच्छा प्रयास है.

Last Updated : Jul 20, 2020, 5:12 PM IST

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