देहरादून: सरकार उत्तराखंड के गांवों से लगातार हो रहे पलायन को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. त्रिवेंद्र सरकार पलायन रोकने के लिए होम स्टे योजना को बढ़ावा देगी. बजट में होम स्टे योजना के लिए 11.50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. होम स्टे योजना के तहत मूल और अस्थायी लोगों को होम स्टे योजना के तहत अनुदान दिया जाएगा. जब से उत्तराखंड राज्य अस्तित्व में आया है, तब से लगातार पलायन बढ़ता ही जा रहा है. पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड के हजारों गांव पूरी तरह खाली हो चुके हैं. वहीं 400 से अधिक गांव ऐसे हैं, जहां 10 से भी कम नागरिक हैं.
उत्तराखंड बजट 2020: पलायन रोकने के लिए 'होम स्टे' को मिला 11.50 करोड़ का बजट
त्रिवेंद्र सरकार पलायन को रोकने के लिए होम स्टे योजना को बढ़ावा देगी. होम स्टे योजना के लिए बजट में 11.50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके तहत मूल और अस्थायी लोगों को अनुदान मिलेगा.
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प्रदेश सरकार की होम स्टे योजना से अब पलायन की मार झेल रहे ग्रामीणों को घर पर रोजगार मिल गया है. वहीं इन घरों के जरिए शहरी चकाचौंध से दूर भागकर शांति की तलाश में निकल रहे सैलानियों को भी मन चाही मुराद मिल गई है. प्रदेश में आने वाले पर्यटकों के ठहरने के लिए पहाड़ों में होम स्टे बनाने पर सरकार 33 प्रतिशत यानी 10 लाख रुपये तक छूट दे रही है. त्रिवेंद्र सरकार ने 2020 तक प्रदेश में पांच हजार होम स्टे बनाने का लक्ष्य रखा है.