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CM ने सतर्कता विभाग की ली समीक्षा बैठक, विजिलेंस को जांच देने में देरी पर जाहिर की नाराजगी - Uttarakhand Latest News

सतर्कता विभाग की समीक्षा बैठक करते हुए तमाम प्रकरणों को विजिलेंस को देने में की जाने वाली देरी पर सीएम त्रिवेंद्र ने अधिकारियों से जवाब मांगा. उन्होंने सभी जांच एक साल के अंदर पूरी करने के निर्देश दिए.

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CM ने की सतर्कता विभाग की समीक्षा बैठक

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Published : Jul 3, 2020, 6:14 PM IST

देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में सतर्कता विभाग की समीक्षा बैठक ली. बैठक में उन्होंने अधिकारियों को सतर्कता अधिष्ठान के ट्रैप एवं अन्वेषण सिस्टम को मजबूत करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि ट्रैपिंग सिस्टम में लापरवाही करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाये. शासन स्तर से महत्वपूर्ण प्रकरणों में गोपनीय जांच के बजाय खुली जांच एवं एफआरआई की कारवाई की जाये. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विभागों द्वारा विभिन्न प्रकरणों में लंबी अवधि के बाद जांच विजिलेंस को देने पर भी नाराजगी जताई.

CM ने सतर्कता विभाग की ली समीक्षा बैठक.
सतर्कता विभाग की समीक्षा बैठक करते हुए तमाम प्रकरणों को विजिलेंस को देने में की जाने वाली देरी पर सीएम त्रिवेंद्र ने अधिकारियों से जवाब मांगा. उन्होंने कहा ये सभी जांच एक साल के अंदर पूरी कर जी जाये. प्रत्येक सरकारी विभाग में विजिलेंस नोडल ऑफिसर एक महीने के भीतर अपेक्षित सूचना सतर्कता विभाग को उपलब्ध कराने के लिए उत्तरदायी होंगे. बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रत्येक राज्याधीन कार्यरत कर्मचारियों को हर साल प्राॅपर्टी रिटर्न आनलाईन दाखिल करना होगा.

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मुख्यमंत्री ने अभिसूचना एवं सुरक्षा विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा अभिसूचना तंत्र को और अधिक मजबूत किया जाना चाहिए. अभिसूचना तंत्र की मजबूती के लिए थाना स्तर पर निरंतर समन्वय स्थापित किया जाये. उन्होंने कहा राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमांत क्षेत्रों के लोगों से निरंतर समन्वय स्थापित किया जाना चाहिए. सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं और वहां इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित किये जाने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. केन्द्र सरकार की सीमांत क्षेत्र विकास परियोजना एवं राज्य सरकार की मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना पर फोकस किया जाय. सोशल मीडिया की माॅनिटरिंग के लिए सिस्टम को मजबूत बनाया जाये. लाॅ एवं आर्डर की दृष्टि से दुष्प्रचार करने वाले लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाये.

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