देहरादूनः मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में जल जीवन मिशन की समीक्षा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शरद ऋतु में कम वर्षा होने के कारण ग्रीष्मकाल में आमजन को पेयजल की समस्या न हो, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्थाओं को लेकर अभी से तैयारियां पूर्ण कर ली जाएं. इस वर्ष कम वर्षा के दृष्टिगत, संभावित पेयजल अभावग्रस्त बस्तियों को समय से चिन्हित कर उनके लिए भी वैकल्पिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने वाटर टैंकर्स की संख्या बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि सड़क मार्ग के निकट स्थित उन बस्तियों में, जहां हैंडपम्प से पेयजल की व्यवस्था की जा सकती है, हैंडपम्प की व्यवस्था कर ली जाए.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल की उपलब्धता का लक्ष्य निर्धारित समय सीमा तक पूर्ण कर लिया जाए. पेयजल की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देते हुए माध्यमिक विद्यालयों की लैब में पेयजल परीक्षण की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं. उन्होंने कहा कि आकांक्षी जनपदों में संचालित किये जा रहे कार्यों में तेजी लाते हुए नियमित मॉनीटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. उन्होंने योजना को समय पर पूर्ण करने के लिये हर सम्भव प्रयास किये जाने के निर्देश दिये है.
उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी भी इसकी नियमित निगरानी रखें. जल जीवन मिशन के तहत निर्धारित समयावधि में लक्ष्य पूर्ण हो, इसके लिए जल संस्थान एवं जल निगम द्वारा प्रत्येक दिन का टारगेट निर्धारित किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीष्म काल में पेयजल की समस्या से बचने के लिए आवश्यक है कि वाटर सोर्स पर ध्यान दिया जाए. उन्होंने कहा कि जल संरक्षण पर फोकस किया जाना चाहिए. इसके लिए मानसून से पूर्व तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाएं, ताकि वर्षा जल संचित किया जा सके और भूजल की उपलब्धता बनी रहे.