देहरादून:तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने के बाद अब सवाल ये उठता है कि क्या देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को आर्टिकल 164-A और 151 की जानकारी नहीं थी. हम ये बात यूं ही नहीं कह रहे बल्कि प्रदेश में मौजूदा राजनीतिक समीकरण ही इस बात की ओर ही इशारा कर रहे हैं.
बता दें कि, 10 मार्च को तीरथ सिंह रावत ने बतौर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि उस दौरान, विधानसभा चुनाव को एक साल का वक्त बचा था. लेकिन गलतफहरी की शिकार होने के चलते बीजेपी ने आर्टिकल 164-A और 151 पर ध्यान नहीं दिया. जिसके चलते आज तीरथ सिंह रावत को इस्तीफा देना पड़ा.
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कल यानि शुक्रवार को देर रात तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, और इसकी सबसे बड़ी वजह है चुनाव प्रक्रिया पर आधारित आर्टिकल 164-A और 151. चलिए बताते हैं कि क्या कहता है आर्टिकल 164-A और 151.
जी हां, तीरथ सिंह रावत ने सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद प्रेसवार्ता में इसी संवैधानिक संकट की बात कह रहे थे. राजनीतिक जानकार जय सिंह रावत की मानें तो बीजेपी देश की सबसे बड़ी पार्टी तो है, लेकिन उन्हें नियमों का ज्ञान नहीं है. जिसके चलते पहले तो तीरथ सिंह रावत के ऊपर उत्तराखंड के सीएम का पद थोपा गया और फिर इस्तीफा ले लिया गया.
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