देहरादून: सीएम तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की घोषणा की. यह योजना उन अनाथ बच्चों के लिए है, जिन्होंने कोरोना संक्रमण से अपने माता पिता को खोया है. इसके तहत अनाथ बच्चों को 21 वर्ष होने तक सरकार भरण पोषण के लिए प्रतिमाह 3000 रूपए प्रतिमाह देगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन बच्चों के माता पिता की मृत्यु कोविड-19 संक्रमण के कारण हुई है, उन बच्चों को राज्य सरकार की सरकारी नौकरियों में 5 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जायेगा. साथ ही जिनके परिवार में कमाने वाला एकमात्र मुखिया था और जिनकी मृत्यु कोविड-19 संक्रमण से हुई हो, ऐसे बच्चों को भी प्रतिमाह 3000 रुपए का भरण -पोषण भत्ता दिया जायेगा.
कोविड संक्रमण से अपने माता पिता को खो चुके बच्चों के लिए सरकार मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना लेकर आई है. जिसके तहत इन बच्चों को 21 वर्ष होने तक उनके भरण पोषण, शिक्षा एवं रोजगार के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी. साथ ही ऐसे बच्चों को प्रतिमाह 3000 रुपए भरण-पोषण भत्ता भी दिया जाएगा. इन अनाथ बच्चों की पैतृक संपत्ति के लिए नियम बनाए जाएंगे कि उनके वयस्क होने तक उनकी पैतृक संपत्ति को बेचने का अधिकार किसी को नहीं होगा. यह जिम्मेदारी संबंधित जिले के जिलाधिकारी की होगी.
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आपको बता दें कि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने भी कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के सुरक्षित भविष्य को लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र लिखा था. जिसमें मंत्री ने इन अनाथ बच्चों के भरण-पोषण के लिए प्रतिमाह एक तय राशि देने की बात कही थी.