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उत्तराखंड में 65% वैक्सीनेशन हुआ, कुमाऊं में एम्स बनाने का प्रयास जारी

सीएम तीरथ ने कहा कि कुमाऊं में एम्स बनाने का प्रयास सरकार द्वारा जारी है और पूरे प्रदेश की 65% आबादी को वैक्सीन लग चुकी है.

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तीरथ सरकार के 100 दिन

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Published : Jun 17, 2021, 4:44 PM IST

Updated : Jun 17, 2021, 7:11 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत की सरकार के 100 दिन हो गए हैं. इस दौरान तीरथ सरकार ने कई अहम फैसले लिए. सरकार ने कोविड महमारी के दौरान 4500 लोगों पर दर्ज मुकदमों को तत्काल वापस कर दिया है. वहीं, लंबे समय से जिन जिला विकास प्राधिकरणों की मनमानियों से लोग परेशान थे, उन्हें भी स्थगित कर दिया. गुरुवार को 100 दिन पूरे होने पर सीएम तीरथ सिंह रावत ने अपनी उपलब्धियां गिनाईं

सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि सत्ता संभालने के 10 दिन के भीतर कई महत्वपूर्ण योजनाओं को शुरू किया. लेकिन कोरोना की चपेट में आने के बाद भी विकास कार्यों की समीक्षा नहीं रुकी. वर्चुअली जनता से जुड़ने से लेकर विकास कार्यों की समीक्षा होती रही. इसी दौरान जिला विकास प्राधिकरणों और गैरसैंण पर भी फैसला लिया गया. कोरोना से लड़ने के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व में हल्द्वानी में DRDO की मदद से 500 बेड का अस्पताल 14 दिन में तैयार किया गया है.

उपलब्धियां गिनाते सीएम तीरथ सिंह रावत.

उत्तराखंड जब विकास की तरफ बढ़ रहा था. तब पूरा प्रदेश चुनौतियों से जूझ रहा था और अप्रत्याशित दूसरी लहर को लेकर सभी परेशान थे. लेकिन एक अप्रैल की समीक्षा के दौरान सरकार ने पाया किया राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को कई गुना तक बढ़ाया जा चुका है.

इस दौरान सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि दिल्ली दौरे पर रेल मंत्री से गंगोत्री-यमुनोत्री के लिए रेलवे प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिली है. इसके साथ ही केंद्र के हर मंत्रालय से उत्तराखंड को विकास की सौगात मिली है, जो पीएम मोदी की उत्तराखंड के प्रति खुली श्रद्धा को दर्शाता है.

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महामारी एक्ट के मुकदमे को किया निरस्त

कोविड महामारी के कारण उत्तराखंड खासा प्रभावित है. पहली लहर के दौरान प्रदेश में हालातों को देखते हुए समूचे प्रदेश में महामारी एक्ट को लागू किया गया था और लॉकडाउन में पुलिस प्रशासन नियमों का पालन कराने के लिए काफी कड़ाई कर रही थी. इसके तहत पूरे प्रदेश में महामारी एक्ट में 4500 से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए थे. जिसमें तीरथ सरकार ने रद्द कर दिया है.

जिला विकास प्राधिकरणों पर फैसला

इसी तरह की एक और समस्या, जो कि आमजन के लिए बड़ी परेशानी का सबब साबित हो रही थी, वह थे जिला विकास प्राधिकरण. जिला विकास प्राधिकरणों की मनमानियों के कारण खासतौर से पर्वतीय जनपदों में लोगों को दिक्कतें हो रही थी. अगर लोग छोटा सा निर्माण भी कर रहे थे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही थी. ऐसे में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जिला विकास प्राधिकरणों को भी तत्काल स्थगित करने का निर्णय लिया.

Last Updated : Jun 17, 2021, 7:11 PM IST

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