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तीरथ के मास्टर स्ट्रोक, त्रिवेंद्र के देवस्थानम बोर्ड और गैरसैंण कमिश्नरी के फैसले बदले - सीएम तीरथ ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के फैसले बदले

शुक्रवार को तीरथ सिंह रावत कैबिनेट ने अहम फैसला लेते हुए गैरसैंण को कमिश्नरी बनाए जाने का पिछली सरकार का फैसला वापस ले लिया.

तीरथ सिंह रावत
तीरथ सिंह रावत

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Published : Apr 10, 2021, 9:34 AM IST

देहरादून:शुक्रवार को तीरथ सिंह रावत कैबिनेट ने अहम फैसला लेते हुए गैरसैंण को कमिश्नरी बनाए जाने का पिछली सरकार का फैसला वापस ले लिया. वहीं मुख्यमंत्री तीरथ रावत का शुक्रवार को जन्मदिन का मौका भी था.

मुख्यमंत्री ने पहले तो देवस्थानम बोर्ड को लेकर जिस तरह आते ही घोषणा की थी उसी के अनुरूप बीते दिन एक और बयान दिया जिसमें 51 मंदिरों को देवस्थानम बोर्ड से बाहर करने की बात कही. वहीं देर शाम को कैबिनेट बैठक में गैरसैंण कमिश्नरी को स्थगित करने का भी बड़ा फैसला लिया गया. बताया गया कि यह जन भावनाओं को देखते हुए फैसला लिया गया है. यानी तीरथ सरकार ने माना है कि गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने का फैसला जनता के पक्ष में नहीं था.

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त्रिवेंद्र ने लिया था फैसला

मुख्यमंत्री रहते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण सत्र के दौरान गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने का फैसला लिया था. जिसके तहत अल्मोड़ा, चमोली, रुद्रप्रयाग और बागेश्वर जिलों को मिलाकर उत्तराखंड की तीसरी कमिश्नरी बनाने का फैसला लिया गया था. इस फैसले का अल्मोड़ा से लेकर रुद्रप्रयाग तक जमकर विरोध हुआ. गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने का फैसला सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का मुख्यमंत्री रहते अंतिम फैसला साबित हुआ. माना जाता है कि इसी फैसले के चलते उनकी कुर्सी चुनावी साल से ठीक पहले चली गई. हालांकि इसके पीछे त्रिवेंद्र सिंह रावत की दलील थी कि इससे गैरसैंण के विकास को गति मिलेगी. यही नहीं कमिश्नरी के फैसले से पहले त्रिवेंद्र सिंह गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भी घोषित कर चुके थे.

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