देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के आयुष कॉलेजों को हाईकोर्ट के निर्देशों का अनुपालन के लिए एक महीने का समय दिया है. चेयरमैन डॉ0 कंबोज ने कहा कि सीएम की अध्यक्षता में निर्णय लिया गया कि सभी आयुष कॉलेज हाईकोर्ट के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करें. जिसके लिए कॉलेजों को एक महीने का समय दिया गया है.
उन्होंने आगे कहा कि 80 हजार रुपए फीस आयुष छात्रों से ली जाती है, जिसमें पब्लिक स्कूल का बच्चा भी नहीं पढ़ सकता है, जिसकी फीस करीब डेढ़ लाख रुपए होती है. आयुष कॉलेजों की फीस सरकार के आदेश पर बढ़ाई गई थी.
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वहीं आयुर्वेदिक कॉलेज संचालकों का कहना है कि एक तरफ आयुष चिकित्सक एमबीबीएस डॉक्टरों के समान वेतनमान की मांग कर रहे है, और पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आयुष चिकित्सकों का वेतनमान एमबीबीएस चिकित्सक के समान होना चाहिए.
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ऐसे में सवाल उठता है कि आयुष चिकित्सक एमबीबीएस चिकित्सक के बराबर वेतनमान की बात कर रहे हैं तो फीस भी समान होनी चाहिए. एमबीबीएस के लिए देश में साढ़े बारह लाख से लेकर बीस लाख रुपए मेडिकल कॉलेजों में लगते हैं ,ऐसे में आयुष कॉलेज अस्सी हजार रुपए फीस कैसे ले सकता है.