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आपदा प्रबंधन की तैयारियों का सीएम ने लिया जायजा, बोले- आपदा से निपटने के लिए युवाओं को दिया जाए प्रशिक्षण - CM Rawat said

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ बैठक की है. बैठक में सीएम ने अधिकारियों को आपदा से निपटने के लिए युवाओं को प्रशिक्षित करने को कहा है.

youth should be trained to deal with disaster
आपदा से निपटने के लिए युवाओं को मिले प्रशिक्षण- सीएम रावत

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Published : Jun 6, 2020, 5:56 PM IST

देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ बैठक की है. बैठक में सीएम रावत ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए समय-समय पर ग्राम सभा के लोगों को प्रशिक्षित करने को कहा है. इसके साथ ही सीएम ने स्कूलों में आपदा प्रबंधन से संबंधित सप्ताह में एक क्लास की व्यवस्था करने और जनता को आपदा प्रबंधन के लिए जागरुक करने को कहा है. इसके साथ ही आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए लोगों को प्रशिक्षित करने का भी निर्देश लिया है. साथ ही अधिकारियों से समय-समय पर मॉक ड्रिल कराने को भी कहा है.

बैठक में सीएम ने कहा कि उत्तराखंड जोन 4 और 5 में आता है. ऐसे में आपदा प्रबंधन की मजबूत तैयारियां जरूरी हैं. आपदा प्रबंधन के लिए जो भी प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं. उनको प्रभावी बनाने के लिए विशेषज्ञों की राय लेने को कहा है. साथ ही जिन शिक्षकों को आपदा से निपटने को प्रशिक्षित किया गया है. उन्हें अन्य टीचर्स को ट्रेनिंग देने को कहा गया है. सीएम ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि मानसून के दृष्टिगत सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं. आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों का चिन्हिकरण कर रिस्पांस टाइम को कम करने का प्रयास किया जाए.

आपदा से निपटने के लिए युवाओं को मिले प्रशिक्षण- सीएम रावत

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बैठक में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि मौसम से संबंधित सटीक जानकारियों के लिए मुक्तेश्वर एवं सुरकंडा में डॉप्लर रडार लगाने का कार्य चल रहा है. इस वर्ष 12 हजार 321 युवक मंगल दल और 10 हजार 908 युवक-युवतियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया है. संचार तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए तहसील स्तर पर 184 सेटेलाइट फोन उपलब्ध कराए गए हैं.

2012 से अब तक 27 संवेदनशील ग्रामों के 699 परिवारों का पुनर्वास किया गया है. गढ़वाल मंडल में 84 एवं कुमाऊं मंडल में 100 भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र उपकरण स्थापित किए गए हैं. गंगा नदी पर कोटेश्वर से लेकर ऋषिकेश तक 8 संवेदनशील स्थानों पर बाढ़ चेतावनी तंत्र स्थापित किए गए हैं.

राज्य एवं जिला स्तर पर कार्मिकों को रिस्पांस सिस्टम का प्रशिक्षण दिया गया है. राज्य आपदा मोचन निधि के तहत प्रदेश के सभी जनपदों को 98 करोड़ रुपए, चिकित्सा शिक्षा निदेशालय को 20 करोड़ रुपए, लोक निर्माण विभाग को 30 करोड़ रुपए, पेयजल संस्थान को 20 करोड़ रुपए एवं चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को 16 करोड़ रुपए की धनराशि दी गई है.

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