देहरादून: टीएचडीसी के निजीकरण को लेकर धरने पर बैठे पूर्व सीएम हरीश रावत को आड़े हाथों लेने वाले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उनके गढ़वाली में किये गए ट्वीट से नरम पड़ गए हैं. यही वजह है कि सीएम ने हरदा पर हमलावर रुख की जगह उन्हें बड़ा भाई कहकर इस जुबानी जंग को विराम देने की कोशिश की है.
टीएचडीसी को निजी हाथों में देने के आरोपों की बौछार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने धरना दिया, तो सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी. सीएम रावत ने कहा था कि हरीश रावत को रात में सपने आते हैं और सुबह वह धरने पर बैठ जाते हैं. उन्हें बेवजह जनता को नहीं बरगलाना चाहिए.
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मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद हरीश रावत ने ट्वीट करते हुए गढ़वाली बोली में त्रिवेंद्र सिंह रावत को बड़ा भाई संबोधित कर लिखा कि प्रदेश में शिक्षा के गिरते हालात, स्वास्थ्य सेवाओं की खराब स्थिति और रेवेन्यू लॉस समेत अपराध जैसे कई मामले हैं जिन पर अभी धरना देना बाकी है.
हरीश रावत के इस ट्वीट के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के तेवर नरम पड़ गए. सीएम रावत ने हरदा को बड़ा भाई कहते हुए उनसे सीखने की बात कही और फिर उनको किसी के द्वारा गलत जानकारी देने और टीएचडीसी पर निजीकरण जैसी कोई बात नहीं होने की बात कही.